cheenee raashtrapati

बिजिंग। चीन और भारत के संबंध कैसे यह तो बात तो पूरा विश्व जानता है.कारण यह है कि चीन हमेसा अपनी कथनी और करनी में अंतर पैदा करता है अपनी सीमाओं को लगातार बढ़ाने की उसकी लालसा से सारे विश्व में जगदाहिर है। अब नए साल के पहले संदेश में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक में चीन के सशस्त्र बलों को युद्ध की तैयारी के लिए अपनी इच्छा को मजबूत करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि इस वक्त वो सब कुछ करने की जरूरत है जो युद्ध के लिए जरूरी है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों के बीच चीन अपने सशस्त्र बलों को बढ़ावा दे रहा है और व्यापार से लेकर ताइवान की स्थिति तक के मुद्दों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ तनाव बढ़ा रहा है.

सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने कहा कि शी ने शीर्ष सैन्य प्राधिकरण की बैठक में कहा कि चीन को बढ़ते जोखिम और चुनौतियों का सामना करना पड़ा. सशस्त्र बलों को अपनी सुरक्षा और विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करना चाहिए. सशस्त्र बलों को नए युग के लिए रणनीति तैयार करनी चाहिए और युद्ध की तैयारियों सहित उसकी जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए.

उन्होंने कहा सशस्त्र बलों को आपात स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम होने की जरूरत है. उनकी संयुक्त संचालन क्षमताओं को उन्नत करने और नए प्रकार की लड़ाकू बलों को तैयार करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा- चीन ने अभी भी ताइवान के साथ पुनर्मिलन प्राप्त करने और द्वीप की स्वतंत्रता को रोकने के लिए बल का उपयोग करने का अधिकार सुरक्षित रखा है.

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