delhi. जापान से एयर इंडिया विमान के जरिये 124 लोगों को लाया गया है, जिनमें 119 भारतीय नागरिक और पांच श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू के नागरिक हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि इन्हें कोविड-19 की वजह से जापान के योकोहामा में डायमंड प्रिंसेज क्रूजशिप पर अलग से रखा गया था। इसके अलावा भारतीय वायुसेना के विमान से आज चीन के वुहान शहर से 112 लोगों को लाया गया, जिनमें से 76 भारतीय नागरिक हैं और 36 बांग्लादेश, म्यामांर, मालदीव, चीन, दक्षिण अफ्रीका, अमरीका और मेडागास्कर के नागरिक हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि जापान से लाये गये लोगों को मानेसर में सेना के शिविर में अलग रखा जाएगा, जबकि वुहान से लाये गये लोगों को छावला में आईटीबीपी परिसर में अलग रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि डायमंड प्रिंसेस क्रूजशिप में सवार 138 भारतीय नागरिकों में से 122 भारतीय नागरिकों की हाल में पीसीआर जांच कराई गई, जिनमें से 119 भारतीयों की जांच निगेटिव पाई गई और उन्हें वापस भारत लाया गया, जबकि जांच में पॉजिटिव पाये गये तीन भारतीय नागरिकों ने भारत आने से मना कर दिया। अन्य 16 भारतीय नागरिकों का जापान के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि भारत सरकार ने इस कठिन समय में चीन के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए चीन के वुहान में कोविड-19 के लिए भारतीय चिकित्सा राहत की 15 टन की खेप भेजी है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आभार व्यक्त करने के अलावा भारतीय नागरिकों की वापसी में मुझे कई मंत्रालयों, सशस्त्र बलों, डॉक्टरों, एयर इंडिया, चीन और जापान में स्थित दोनों दूतावासों और पर्दे के पीछे काम करने वाले कई लोगों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने अपने काम में भारत और भारतीयों को सबसे आगे रखा। मैं इनके सहयोगपूर्ण और समर्पित कोशिशों को सलाम करता हूं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम की सांस्कृतिक भावना के तहत भारत ने जापान और वुहान से अपने लोगों को लाने के साथ ही वहां फंसे अन्य देशों के नागरिकों को भी वापस लाया।
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के फैलाव के संबंध में विकसित वैश्विक स्थिति के मद्देनजर पहले से जारी यात्रा एडवाइजरी के अलावा अतिरिक्त निर्देश जारी किए गए हैं। भारतीय नागरिकों को सिंगापुर, कोरिया, ईरान और इटली की गैर जरूरी यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है। कोरिया, ईरान और इटली से आने वाले लोगों को भारत आने पर 14 दिनों के लिए अलग रखा जा सकता हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव या इससे बड़े पद के वरिष्ठ अधिकारी कोविड-19 की निगरानी और प्रबंधन पर राज्यों की तैयारियों का आकलन करने के लिए राज्यों का दौरा कर रहे हैं। इस दौरे से राज्य निगरानी तंत्र को मजबूत करने और उनकी कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्यों को अनुपालन के लिए एक चेकलिस्ट प्रदान की गई है, जिसकी रिपोर्ट उन्हें 02 मार्च 2020 तक जमा करानी होगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि अब तक 4,787 उड़ानों से आए 4 लाख 82 हजार 927 यात्रियों की जांच की जा चुकी है। देश के 21 हवाई अड्डों, 12 प्रमुख बंदरगाहों एवं 65 छोटे बंदरगाहों और लैंडक्रॉसिंग खासकर भारत-नेपाल सीमा पर लगातार जांच चल रही है। दैनिक आधार पर आईडीएसपी नेटवर्क के जरिए सामुदायिक निगरानी के तहत यात्रियों की निगरानी की जाती है। अभी कुल 23 हजार 531 यात्री आईडीएसपी के माध्यम से सामुदायिक निगरानी में हैं।
इसके अलावा, जांच के लिए भेजे गए 2,836 नमूनों में से, 2,830 निगेटिव पाए गए हैं। इनमें 3 नमूने केरल में पॉजिटिव पाए गए और अन्य 3 की जांच चल रही हैं। मानेसर और छावला के शिविरों में पहले से रखे गये सभी 645 लोगों को 18 फरवरी, 2020 को छुट्टी दे दी गई है।