जयपुर। दुष्कर्म मामले में करीब तीन साल से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे कांग्रेस के पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर को बरी कर दिया है। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश क्रम दो जयपुर जिला ने सोमवार को मामले में संदेह का लाभ देते हुए बाबू लाल नागर को बरी करने के आदेश सुनाए। फैसले के वक्त कोर्ट पक्ष-विपक्ष के वकीलों और समर्थकों से खचाखच भरा था। दुष्कर्म केस में सवा तीन साल पहले हुई गिरफ्तारी के बाद से ही बाबूलाल नागर जेल में है। पीडिता ने बाबूलाल नागर पर सरकारी बंगले में बुलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट इस्तगासे से मामला दर्ज करवाया था। मामले में सीबीआई ने अनुसंधान के बाद बाबूलाल नागर को गिरफ्तार करके कोर्ट में दुष्कर्म की धाराओं में चालान पेश किया था। सुनवाई के दौरान पीडिता ने बयान दिए थे कि 11 सितम्बर, 2013 को सिविल लाइंस स्थित सरकारी बंगले में बाबूलाल नागर ने फोन करके उसे बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। मामले में तीन डाक्टरों के बोर्ड से मेडिकल हुआ, जिसमें महिला से मारपीट और चोट आना बताया। अभियोजन पक्ष की ओर से बाबूलाल नागर द्वारा किए गए फोन फोन कॉल्स डिटेल, मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और एक दर्जन गवाहों के बयान संबंधी साक्ष्य कोर्ट के समक्ष पेश किए गए। वहीं मुजरिम पक्ष की ओर से दुष्कर्म के आरोपों से इंकार करते हुए कोर्ट में बताया कि जिस दिन पीडिता घटना होना बता रही थी, उस दिन बंगले पर दूदू विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की मीटिंग थी। सैकड़ों लोग वहां मौजूद थे और नागर बैठक में कार्यकर्ताओं से मिल रहे थे। दुष्कर्म के आरोप झूंठे है। राजनीतिक विरोधी मेरा राजनीतिक कैरियर खराब करने के लिए पीडिता के माध्यम से गलत व झूंठे आरोप लगाए हैं। मैंने पीडिता से कोई दुष्कर्म नहीं किया है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पीडिता के आरोपों को सही नहीं मानते हुए संदेह का लाभ देते हुए बाबूलाल नागर को बरी कर दिया।
– छलक पड़े आसूं
कोर्ट के बरी संबंधी आदेश सुनाते हुए कोर्ट परिसर में मौजूद नागर समर्थकों व वकीलों ने खुशी जाहिर करते हुए बाबूलाल नागर को बधाईयां दी। इस दौरान उनके परिजनों और बाबूलाल नागर की आंखें भी छलक पड़ी। कोर्ट परिसर के बाहर समर्थकों ने बाबूलाल नागर के समर्थन में नारेबाजी की। आज शाम तक जेल प्रशासन तक कोर्ट आदेश पहुंचते ही बाबूलाल नागर को रिहा कर दिया जाएगा।
पीडिता ने कहा, अपील करुंगी
कोर्ट परिसर में ही मौजूद पीडिता ने बाबूलाल नागर को बरी करने संंबंधी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। पीडिता और उनके एडवोकेट मुराद शेख ने कहा कि कोर्ट ने संदेह के आधार पर बाबूलाल नागर को बरी करने के आदेश दिए हैं। हमने दुष्कर्म संबंधी सभी दस्तावेज और साक्ष्य कोर्ट के सामने पेश किए हैं। कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

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