poisonous liquor

नई दिल्ली। राज्यपाल राम नाईक ने जहरीली शराब से मौत पर आजीवन कारावास और मृत्यु दंड के प्रावधान वाले प्रदेश सरकार के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल द्वारा ‘उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अध्यादेश-2017′ को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रदेश का आबकारी कानून और ज्यादा सख्त हो गया है।

यह अध्यादेश अवैध शराब के जहरीली होने और उसके पीने से लोगों की मौत होने की घटनाओं से संबंधित है। मौजूदा समय में राज्य विधान मण्डल सत्र नहीं होने के कारण एवं विषय की तात्कालिकता को देखते हुए राज्यपाल ने कैबिनेट के प्रस्ताव स्वीकृति दी है। नाईक ने अध्यादेश को मंजूरी देने से पहले इसका बाकायदा कानूनी परीक्षण किया और उसके बाद अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई। यूपी आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017’ से संबंधित फाइल राज्यपाल की मंजूरी के लिए 26 सितम्बर को राजभवन को प्राप्त हुई थी। अब छह माह के अंदर सरकार को अध्यादेश की जगह विधानमंडल सत्र बुलाकर दोनों सदनों से विधेयक पारित कराकर राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए दोबारा भेजना होगा क्योंकि अध्यादेश के प्रभावी रहने की अवधि छह माह ही है। नया संशोधन आबकारी अध्यादेश लागू होने से उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम-1910 में संशोधन कर कुछ धाराओं के प्रावधानों को पूर्व की अपेक्षा अधिक कठोर किया गया है। अधिनियम में नई धारा 60-क जुड़ने से अवैध शराब बेचने या उपभोग के लिए उपलब्ध करवाने से मृत्यु होने एवं स्थायी अपंगता होने पर आजीवन कारावास या 10 लाख रुपये का आर्थिक दण्ड या दोनों या मृत्यु दण्ड देने का प्रावधान किया गया है।

 

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