इंदौर। कालेधन के साथ भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद कई धनकुबेर रातोंरात जमीन पर आ गए। लेकिन इस फैसले का असर इंदौर के सांवेर तहसील के खाकरोड गांव निवासी किसान मूलचंद केवट पर उल्टा पड़ गया। मूलचंद के पिता 96 हजार रुपए एक बोरी में रखकर भूल गए। जब मूलचंद ने उसे बेचने के लिए बोरी को संभाला तो उसमें एक हजार व पांच सौ के नोटों की गड्डी मिली। यह देख उसके माथे पर पसीना आ गया। क्योंकि बैंकों में पुराने नोट जमा कराने की मियाद खत्म हो चुकी थी। ऐसे में मूलचंद पुराने नोटों को लेकर कलक्टर के यहां जनसुनवाई के दौरान पहुंच गया। इस दौरान उसने कलक्टर पी. नरहरि से कहा कि साहब इन नोटों का अब क्या करुं? इन नोटों को पिता ने बोरी में रख दिया था। वे अब रहे नहीं। ऐसे में बोरी में रखे गेंहू बेचने निकला तो नोट सामने आए। भोपाल आरबीआई में भी गया, लेकिन वहां अंदर ही नहीं जाने दिया गया। चौकीदार ने कहा कि ये नोट बंद हो गए हैं। ऐसे में अब थक-हार कर आपके पास आया हूं। सुनवाई करो। इस पर कलक्टर ने कहा कि तहसीलदार से उसके दावे की जांच कराई जाएगी। यदि वह वास्तव में सत्य बोल रहा है तो आरबीआई को पत्र लिखेंगे।

-जनप्रहरी एक्सप्रेस की ताजातरीन खबरों से जुड़े रहने के लिए यहां लाइक करें।

LEAVE A REPLY