नई दिल्ली। गुजरात कांगे्रस पार्टी की मुसीबतों में इजाफा होता नजर आ रहा है। इसके पीछे वजह जो उभरकर सामने आ रही है। वो यह कि गुजरात में कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला का मन अब भाजपा खेमे में जाने को लेकर डोल रहा है। शुक्रवार को उनका जन्मदिन भी है। ऐसे में संभावनाएं यह जताई जा रही है कि वाघेला आज गांधीनगर में समर्थकों के बीच शक्ति प्रदर्शन के माध्यम इस मौके को भुना लेना चाहते हैं।

हालांकि वाघेला गुरुवार को दिल्ली में ही रहे। जिससे इन कयासों को बल मिला और उनकी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव के रुप में देखा गया। वाघेला का यह मानस है कि इस साल के अंत में होने वाले गुजरात चुनाव से पहले ही पार्टी उन्हें सीएम के चेहरे के तौर पर घोषित कर दे। क्योंकि गुजरात में कांग्रेस पार्टी में दो प्रमुख गुट उभरे हैं। एक स्वयं वाघेला के तौर पर तो दूसरा भरत सिंह सोलंकी। हालांकि गत माह ही वाघेला ने उनके भाजपा में जाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया था कि वे भाजपा का दामन नहीं थामेंगे। फिर भी यह बात बयां कर दी थी कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर अपनी बात रखी है, लेकिन कुछ नेता उन्हें पार्टी से बाहर करने की कारगुजारी में लगे हुए हैं। जबकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें फ्री हैंड देने से मना कर दिया था।

-बताया था दूरदर्शिता का अभाव
इससे पहले वाघेला ने पार्टी से अपनी शिकायतों को उजागर करते हुए कहा था कि गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर उन्होंने कोई योजना नहीं बनाई है। वरिष्ठ नेताओं में दूरदर्शिता का पूरी तरह अभाव है। हम तो खुदकुशी के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। मैं इस मार्ग पर नहीं जाऊंगा।

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