लखनऊ। यूपी चुनाव में भाजपा को प्रचण्ड बहुमत के बाद गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ की सीएम पद पर ताजपोशी की घोषणा हो गई है। वे रविवार को सीएम पद की शपथ लेंगे, साथ ही डिप्टी सीएम पद पर केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी शपथ लेंगे। उधर, योगी की सीएम पद पर ताजपोशी के बाद पूरे यूपी में भाजपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह का माहौल है। गोरखपुर और पूर्वांचल में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। आतिशबाजी कर रहे हैं। वहीं योगी के परिवार में भी खुशी का माहौल है। योगी के भाई महेन्द्र सिंह ने कहा कि बचपन से ही योगी का मन समाज सेवा में था। इस वजह से वे घर छोड़कर गोरखपुर मंदिर में दीक्षा ग्रहण की। महेन्द्र सिंह ने कहा कि बाद में उनके भाई योगी आदित्यनाथ भले ही राजनीति में आए गए और सांसद बन गए, लेकिन वे सीएम बन जाएंगे, ऐसा कभी सोचा नहीं था। यह उनकी समाज सेवा, तप और निष्ठा के साथ जनता का प्यार है, जिसके दम पर वे सीएम पद पर पहुंचे।
– ऐसे मिली राजनीति में एंट्री
गोरखपुर आश्रम में दीक्षा के बाद वे महंत अवैधनाथ के परम शिष्य हो गए। उनके गुरु अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास ले लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर वे सांसद बने। तब उनकी उम्र मात्र 26 साल थी। वे सबसे कम उम्र के सांसद थे, जो संसद में पहुंचे।

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