नयी दिल्ली : डीजल का इस्तेमाल बढ़ने के संकेतों के बीच नवंबर माह में भारत की ईंधन मांग 6.2 प्रतिशत बढ़ गई। पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार नवंबर माह में ईंधन खपत एक करोड 74 लाख टन रही जो कि एक साल पहले इसी माह में एक करोड 64 लाख टन रही थी। एक माह पहले अक्तूबर में इसमें 0.9 प्रतिशत का सुधार आया था। डीजल की मांग जो कि अक्तूबर माह में घट गई थी नवंबर में वह 7.5 प्रतिशत बढ़कर 72.5 लाख टन हो गई। इससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि का संकेत मिलता है। भारत में डीजल की खपत कुल ईंधन खपत का 40 प्रतिशत रही है। अक्तूबर में इसकी मांग में 1.9 प्रतिशत कमी आई जबकि सितंबर में इसमें 16.6 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
पेट्रोल की बिक्री इस दौरान 4.8 प्रतिशत बढ़कर 21 लाख टन पर पहुंच गई जबकि एलपीजी की मांग 6.7 प्रतिशत बढ़कर 20 लाख टन हो गई। विमान ईंधन खपत भी 8.4 प्रतिशत बढ़कर 6,41,000 टन हो गई। लेकिन नाफ्था की खपत 6.1 प्रतिशत घटकर 10.1 लाख टन रही। इस बीच रियाद से जारी एएफपी रिपोर्ट में कहा गया है कि सउदी अरब ने जनवरी में अपने एशियाई ग्राहकों को कच्चे तेल निर्यात में कटौती की बात कही है। उसका मानना है कि उसके इस कदम से अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में फिर से संतुलन बढ़ेगा। ऊर्जा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा की सरकारी स्वामित्व वाली अरामको अमेरिका और यूरोप के लिये आपूर्ति यथावत बनाये रखेगी लेकिन एशिया के लिये निर्यात में दिसंबर के उत्पादन स्तर से एक लाख बैरल प्रतिदिन से ज्यादा की कटौती की जायेगी।