Today, festival of happiness and prosperity celebrates with the joy of nation-wide celebration

जयपुर। देश में आज दिपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही लोग हर्षोल्लास के साथ दिपावली की तैयारियों में जुट गए हैं और अपने घरों को सजाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं ताकि उनका घर से सबसे सुन्दर दिखे। वहीं बच्चे नए कपड़े, पटाखों को लेकर काफी रोमांचित है तो वहीं युवा भी पीछे नहीं वे भी अपने-अपने तरीके से दीपावली का पर्व मनाने की योजना बना रहे हैं। दीपावली कितनी भी आधुनिक हो लेकिन इसकी नीवं आध्यात्म पर ही रखी है। इस बार दीपावली पर 27 साल बाद गुरु चित्रा योग बन रहा है। इसके पहले ये योग 1990 में बना था और 4 साल बाद 2021 में बनेगा। गुरुवार की शाम 5.54 से रात 8.26 तक प्रदोषकाल रहेगा। इस दौरान लोग धन, सुख-समृद्धि की कामना से लक्ष्मी, गणेश और कुबेर का पूजन कर सकेंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला के मुताबिक, अमावस्या तिथि, गुरुवार का दिन और चित्रा नक्षत्र इन तीनों के एक साथ होने का योग बहुत कम बनता है। इस बार यह स्थिति बन रही है। ज्योतिष में गुरु को सोना, भूमि, कृषि आदि का कारक ग्रह माना जाता है। जबकि चित्रा नक्षत्र चांदी, वस्त्र, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक चीजों के लिए खास व शुक्र की राशि वाला यह नक्षत्र समृद्धि का कारक है। दिवाली पूजा के लिए मां लक्ष्मी की चौकी विधि-विधान से सजाई जानी चाहिए। चौकी पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां इस तरह रखें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे। लक्ष्मीजी और गणेशजी की मूर्तियां स्थापित करें। कलश को लक्ष्मीजी के पास चावल पर रखें। नारियल को लाल वस्त्र में इस प्रकार लपेटें कि नारियल का आगे का भाग दिखाई दे और इसे कलश पर रखें। यह कलश वरुणदेव का प्रतीक है। अब दो बड़े दीपक रखें। एक में घी और दूसरे में तेल का दीपक लगाएं। एक दीपक चौकी के दाहिनी ओर रखें और दूसरी मूर्तियों के चरणों में। इनके अतिरिक्त एक दीपक गणेशजी के पास रखें।

ऐसे करें महालक्ष्मी की पूजा
पूजा की थाली के संबंध में शास्त्रों में उल्लेख किया गया है कि लक्ष्मी पूजन में तीन थालियां सजानी चाहिए।
पहली थाली में 11 दीपक समान दूरी पर रख कर सजाएं। दूसरी थाली में पूजन सामग्री इस क्रम से सजाएं- सबसे पहले धानी (खील), बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चंदन का लेप, सिंदूर कुमकुम, सुपारी और थाली के बीच में पान रखें। तीसरी थाली में इस क्रम में सामग्री सजाएं- सबसे पहले फूल, दूर्वा, चावल, लौंग, इलाइची, केसर-कपूर, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, एक दीपक।

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