जयपुर। दी राजलक्ष्मी महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में हुए 4.5 करोड़ रुपए के गबन के मामले में कार्यालय अतिरिक्त महानिदेशक, पुलिस (अपराध शाखा), राजस्थान के 31 अगस्त को पुलिस आयुक्त, जयपुर को न्यायालय उप रजिस्ट्रार के आदेशों की पालना में प्रकरण दर्ज कर की गई कार्यवाही से सीध्ो ही बैंक को अवगत कराने एवं अविलम्ब इस कार्यालय को भी अवगत कराने के दिये गये आदेश की पालना शुक्रवार तक भी उपरोक्त गंभीर मामले में माणक चौक थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
बैंक के सीईओ मोहम्मद इकबाल खान ने 14 सितम्बर को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उप रजिस्ट्रार कोर्ट ने 19 जुलाई को बैंक हित में पूर्व अध्यक्षा डॉ. फिरोजा बानो व अन्यों के द्बारा 4.43 करोड़ रुपए के गबन की राशि को सहकारिता कानून के तहत वसूल करने एवं भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिये थ्ो। आदेश की पालना में बैंक प्रशासन ने 21 अगस्त को थानाधिकारी माणक चौक चैनाराम को समस्त दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट दे दी थी। आरोप है कि पुलिस ने कोई आज दिन तक कोई कार्यवाही नहीं की। बैंक प्रशासन ने बाद में डीजीपी सहित अन्य को भी कार्यवाही की मांग की, जिस पर कार्यवाही करते हुए कार्यालय अतिरिक्त महानिदेशक, पुलिस (अपराध शाखा), राजस्थान में एसपी अंशुमन भोमिया ने 31 अगस्त को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये, लेकिन पुलिस ने दर्ज ही नहीं किया।
बैंक सीईओ का यह भी कहना है कि कोर्ट के आदेश की पालना में ऋणियों को ब्ौंक ने नोटिस जारी कर समस्त बकाया जमा कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। ऐसा नहींे करने पर सम्पत्ति कुर्क करने की भी जानकारी दी है। 4.5 करोड़ रुपए के गबन के दोषियों की धमकियों को दरकिनार करते हुए फर्जी तरीके से दिए गए ऋण की पूरी राशि वसूल की जाएगी। बैंक हित में दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। गबन की राशि बैंक के ग्राहकों की मेहनत से कमाई गई पूंजी है, जिसे बेकार होने नहींे दिया जाएगा।