Victims of sexual offenses, need to provide legal aid to the accused: High Court

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि यौन अपराध के मामलों में पीड़ित और आरोपी दोनों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील को इस तरह के तंत्र के बारे में अवगत कराने को भी कहा।

पीठ ने साथ ही कहा कि पुलिस को जब यौन हिंसा की कोई खबर मिलती है तो उसे इस बाबत दिल्ली राज्य विधि सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) को सूचित करने की भी प्रक्रिया बनानी चाहिए। न्यायालय ने कहा, ह्यह्यहम आरोपियों के साथ-साथ पीड़ितों के कानूनी अधिकारों की रक्षा को लेकर चिंतित हैं। उच्च न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत कुमार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। उन्होंने दृष्टिबाधित नाबालिग कैदियों के विशेष गृहों में कर्मियों की नियुक्ति से संबंधित तंत्र और जरूरी देखभाल के अभाव का मुद्दा उठाया है।

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