नयी दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) के चंदे को अवैध घोषित कर इसे आयकर के दायरे में लाने को पार्टी ने केन्द्र सरकार की बदले की कार्रवाई बताया है। आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज संवाददाता सम्मेलन में पार्टी को मिले चंदे का ब्योरा पेश करते हुये इसे पूरी तरह से पारदर्शी बताया। उन्होंने आयकर विभाग द्वारा आप को 34 बार इस मामले में जवाब देने का मौका देने के दावे को गलत बताते हुये कहा ‘‘हकीकत यह है कि केन्द्र की भाजपा सरकार की आंखों में आप का पारदर्शी चंदा चुभ रहा है।’’ सिसोदिया ने कहा कि आज पार्टी को देश के विभिन्न भागों से कुल 46 लोगों ने ऑनलाइन चंदा दिया। इसमें आठ रुपये से लेकर 51 रुपये तक की राशि शामिल है। सिसोदिया ने कहा कि आप में चंदा सिर्फ बैंकिंग प्रणाली से ही लेने की व्यवस्था है और इससे जुड़ा पूरा ब्योरा आयकर विभाग को सौंपा जा चुका है। इसलिये आयकर विभाग द्वारा यह कहना कि आप ने 34 नोटिसों का जवाब नहीं दिया, पूरी तरह से गलत है।
सिसोदिया ने कहा कि ‘‘आप देश की एकमात्र पार्टी है जो अपने चंदे के एक-एक रुपए का हिसाब ना केवल व्यवस्थित करती है बल्कि उसे चुनाव आयोग समेत जांच एजेंसियों को भी सौंपती है। ऐसे में पार्टी के समूचे चंदे को ग़ैर-कानूनी बताते हुए उस पर 30 करोड़ का आयकर लगाना अप्रत्याशित है। यह कार्रवाई भाजपा की केन्द्र सरकार के इशारे पर हुई है।’’ सिसोदिया ने कहा कि आयकर विभाग ने यह कार्रवाई दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने की अपील के अगले ही दिन की गयी। इससे साफ जाहिर है कि भाजपा ने आम आदमी की मेहनत की कमाई को अवैध ठहराते हुए बदले की भावना से यह कार्रवाई की है।’’ सिसोदिया ने कहा कि भाजपा का 87 प्रतिशत चंदा अज्ञात स्रोतों से आता है। इतना ही नहीं भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों को विदेशों से अवैध चंदा लेने के मामले में उच्च न्यायालय ने दोषी पाते हुये चुनाव आयोग से इन पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफ़ारिश की थी। इसके परिणामस्वरूप मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती प्रभाव के साथ कानून को बदल कर भाजपा कांग्रेस की धांधली को छुपा लिया।