27 va 28 ko udayapur aur jodhapur ka daura karenge jaavadekar

-पाठ्यक्रम में शामिल होगा आपातकाल अध्याय

jaipur। केन्द्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज से 43 वर्ष पूर्व 26 जून, 1975 को भारतीय लोकतंत्र के साथ जो अनर्गल कृत्य हुए वो लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में काले धब्बे के रूप में हमेशा अंकित रहेगा। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 150 वर्ष की अँग्रेजों की गुलामी सहने के पश्चात् भारत को आजादी मिली थी और भारतवासियों ने यह सोचा था कि अब हमारे अच्छे दिन आयेंगे। लेकिन एक व्यक्ति विशेष की सŸाा-लोलुपता ने भारत के लोकतंत्र पर कुठाराघात करते हुए भारतवासियों की आजादी को आपातकाल लगाकर पुनः खत्म कर दिया था।

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर जयपुर में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि जब भी काँग्रेस आती है तो साथ में महंगाई अवश्य लाती है। महंगाई और काँग्रेस का चोली-दामन का साथ है। अगर हम आंकलन करे तो पायेंगे कि यूपीए की सरकार के समय महंगाई 10 फीसदी की दर से बढ़ रही थी और विकास की दर 5 प्रतिशत थी। लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में आज विकास की दर 8 प्रतिशत है और महंगाई वृद्धि की दर 5 प्रतिशत पर आ गई है।

केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि काँग्रेस में सŸाा का सुख एक परिवार को हमेशा मिलता रहे, वंशवाद आगे बढ़ता रहे, यही काँग्रेस का प्रमुख ध्येय हमेशा रहता है। भारतीय जनता पार्टी के लिए ‘‘नेशन फस्र्ट’’ होता है, जबकि काँग्रेस के लिए हमेशा ‘‘सेल्फ फस्र्ट’’ होता है और सब कुछ सेल्फ ही होता है। जावड़ेकर ने बताया कि हमने यह भी तय किया है कि हम पाठ्यक्रम में बदलाव कर आपातकाल की सत्यता के बारे में विद्यार्थियों को भी बतायेंगे, ताकि इतिहास की सही व्याख्या हो सकें। आपातकाल लगाकर प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी ने निरंकुशता के चरम को मूर्त रूप प्रदान किया था। हालात यह तक हो गये थे कि सरकारी वकील नीरव डे ने यह तक कहा था कि जीने का अधिकार भी अब नहीं है। पत्रकारों जगत के लोगों को लिखने एवं बोलने से रोक दिया गया था। जनता पार्टी सरकार ने संविधान में बदलाव किया, जिससे अब आपातकाल कोई सोच कर भी नहीं ला सकता। लेकिन आज का दिन लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को कायम रखने हेतु प्रतिज्ञा लेने का दिन है। इसलिए सम्पूर्ण भारत में पार्टी के वरिष्ठ नेता लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काँग्रेस के द्वारा वर्ष 1975 में लगाये गये जबरन आपातकाल की सत्यता से रूबरू कराने के लिए आमजन को गोष्ठियों एवं पत्रकार वार्ताओं के द्वारा जानकारी दे रहे है।

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