High court asked EC to tell you the reason for disqualification of MLAs

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2016 की काउन्सलिंग में बीएड से पूर्व आरटेट, 2011 करने वाले याचिकाकर्ता को शामिल करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने प्रारंभिक शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश हेमराज बैरवा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता प्रदीप कलवानिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2016 के लेवल द्वितीय में अंग्रेजी भाषा अध्यापक के लिए आवेदन किया था। राज्य सरकार की ओर से याचिकाकर्ता का चयन कर दस्तावेज सत्यापन करने के बाद नियुक्ति के लिए जिला भी आवंटित कर दिया गया। इसके बावजूद उसे यह कहते हुए नियुक्ति देने से इंकार कर दिया कि उसने बीएड में अध्ययनरत रहने के दौरान आरटेट, 2011 उत्तीर्ण की है। याचिका में कहा गया कि आरटेट के आवेदन पत्र में प्रावधान था कि बीएड अध्ययनरत आरटेट में शामिल हो सकता है। याचिकाकर्ता को आरटेट का प्रमाण पत्र 28 अगस्त 2011 को मिला और उसने बीएड 30 नवंबर 2011 को उत्तीर्ण की। याचिका में कहा गया कि आरटेट का संशोधित परिणाम भी 1 अगस्त 2013 को जारी किया गया। ऐसे में याचिकाकर्ता को अध्यापक भर्ती में नियुक्ति दी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को भर्ती के लिए काउन्सलिंग में शामिल करने के आदेश दिए हैं।

 

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