Doctor strike
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह शहर में सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे और अपराह् चार बजे से शाम आठ बजे तक कार्यदिवसों में किसी को धरने-प्रदर्शन आदि करने की अनुमति नहीं दे। अदालत ने धार्मिक जुलुस और शोभायात्राओं आदि को इससे बाहर रखा है। न्यायाधीश केएस झवेरी और न्ययाधीश इन्द्रजीतसिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सिटीजन प्रोटेक्शन सोसायटी की याचिका में राज्य सरकार की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए।
प्रार्थना पत्र में राज्य सरकार की ओर से एएजी जीएस गिल ने अदालत को बताया कि गत 14  जुलाई को अदालत ने आदेश जारी कर कार्य दिवसों में शहरी सीमा के भीतर धरने-प्रदर्शन और रैलियों आदि पर रोक लगाई थी। लोकतंत्र में हर किसी को मर्यादा में रहते हुए धरने-प्रदर्शन का अधिकार है। ऐसे में पूर्व में दिए आदेश को संशोधित किया जाए। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा कि धार्मिक रैलियां अवकाश वाले दिन निकाली जाती हैं। ऐसे में ट्रेफिक व्यवस्था खराब नहीं होती। यदि अदालत अवकाश के दिन इसकी छूट देती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। इस पर अदालत ने कार्य दिवसों में दोपहर 12 बजे से अपराह् चार बजे तक धरने-प्रदर्शन आदि की अनुमति देते हुए धार्मिक प्रकरणों को इससे अलग रखा है।

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