-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज की प्रमुख शासन सचिव अर्पणा अरोड़ा ने कहा कि अगर परिवार में एक महिला शिक्षित होती है तो दो पीढ़िया शिक्षित हो जाती है ऐसे में महिलाओं का शिक्षित तथा आत्मनिर्भर होना बहुत जरुरी है। अर्पणा अरोड़ा गुरुवार को जेईसीसी सीतापुरा में आयोजित महिला समानता दिवस कार्यक्रमों की श्रृखंला में तीसरे दिन संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में महिला अपने छोटे- छोटे उद्यमों को स्टार्ट अप में बदलें तथा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोन प्राप्त कर उन्हें बड़े उद्यम के रुप में विकसित करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं की पहुंच गांव के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचने के लिए गांवो में प्रचार सखी को लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा राजीविका समूहों के लिए अब लगातार मेलों का आयोजन किया जाएगा जिससे उन्हें अपने उत्पादों के प्रदर्शन के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो सकें साथ ही राजीविका समूहों का अन्य राज्यों में भी सीखने के लिए भेजा जाएगा। इस अवसर पर राजीविका स्टेट मिशन निदेशक मंजू राजपाल ने कहा कि महिलाओं को अपने उद्यम स्थापित करने में आवश्यक राशि के लिए शीघ्र ही महिला निधि का गठन किया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में आई सभी महिलाओं को कहा कि राजीविका की पहचान आपसे है तथा आप सभी को महिला समानता दिवस के सभी कार्यक्रमों से जानकारी प्राप्त कर उसे अपने गांव तक पहुचंाना है जिससे राजीविका के मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण एवं गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
कार्यक्रम में शासन सचिव वित्त (राजस्व) के.के. पाठक ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक संबल एवं सशक्तिकरण की दिशा देने के लिए राजीविका ने महिलाओं को यह मंच उपलब्ध करवाया है। उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए यह जरुरी है कि महिला एवं पुरुष कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलें तथा अब यह समानता सामने आ भी रही है एवं कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत भी बढ़ा है। इससे पहले कार्यक्रम में राजीविका तथा विभिन्न बैंको के मध्य बीसी सखी लगाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए। इस एमओयू के माध्यम से बैंक ऑफ बड़ोदा 1 हजार 50, राजस्थान मरूधरा ग्रामीण बैंक 1 हजार 284, बड़ोदरा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक 1700, आईसीआईसीआई बैंक 736, एचडीएफसी 56 सहित कुल 4 हजार 825 बीसी सखी लगाएंगे। इस अवसर पर संस्थागत निर्माण के संबंध में आईबीसीबी से ऊषा रानी, महिला सशक्तिकरण पर कौशल विशेषज्ञ वीनू जयचंद, वित्तीय समावेशन पर एफआई एनएमएमयू से वरिष्ठ विशेषज्ञ सौरव, कृषि आधारित आजीविका पर लघु किसान उद्यमी धर्मवीर कंबोज, पशुपालन आधारित आजीविका कार्यक्रम पर एनडीडीबी से डॉ रघु तथा विभिन्न वक्ताओं ने गैर कृषि आधारित कार्यक्रम तथा कौशल एवं कर्न्वजेन्स कार्यक्रम पर भी अपने विचार व्यक्त किए।

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