जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उच्च शिक्षा का बेहतरीन माहौल तैयार करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। विगत मात्र ढाई वर्ष में ही 123 नए राजकीय महाविद्यालय खोले हैं ताकि युवाओं को उनके गांव के नजदीक ही उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है।
गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जय मीनेष आदिवासी विश्वविद्यालय, रानपुर, कोटा के शिलान्यास तथा आदिवासी मीना बालिका छात्रावास, प्रतापनगर, जयपुर के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के साथ ही अन्य वर्गों में शिक्षा के प्रसार की दिशा में अखिल भारतीय मीना सामाजिक एवं शैक्षणिक समिति, कोटा का यह प्रयास सराहनीय है। इस कदम से युवाओं का शैक्षिक और सामाजिक विकास हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पिछली सरकार के समय वर्ष 2013 में नगर विकास न्यास कोटा ने रियायती दर पर 30 एकड़ भूमि इस विश्वविद्यालय के लिए आवंटित की थी। यह खुशी की बात है कि 15 करोड़ की लागत से बनने वाले इस विश्वविद्यालय के भवन का आज शिलान्यास हुआ है। आशा है कि जल्द ही यह काम पूरा होगा और यहां शैक्षणिक गतिविधियां शुरू होंगी। इसी तरह जयपुर में 3000 वर्ग मीटर भूखण्ड पर बने आदिवासी मीना बालिका छात्रावास का फायदा प्रतिभावान बालिकाओं को मिल सकेगा।
गहलोत ने कहा कि जरूरतमंद वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को प्रोफेशनल कोर्सेज एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री अनुप्रति योजना लागू की है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमने बजट में घोषणा की है कि उच्च माध्यमिक विद्यालयों की 11वीं व 12वीं कक्षा में 500 से अधिक छात्राएं होने पर उस विद्यालय को कन्या महाविद्यालय में क्रमोन्नत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मेधावी छात्राआें के लिए कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना लागू की गई है। जिसमें स्कूटी की संख्या प्रतिवर्ष 2500 से बढ़ाकर 10 हजार से अधिक कर दी गई है। साथ ही दिव्यांगों को भी स्कूटी दी जाएगी। इस प्रकार प्रतिवर्ष करीब 13 हजार स्कूटियों का वितरण होगा।
गहलोत ने इस दौरान संस्था के जयपुर और कोटा छात्रावासों में रह रहीं छात्राओं से संवाद किया। उन्होंने इन बालिकाओं के आत्मविश्वास को सराहा और हौसला अफजाई की। नर्सिंग छात्रा निकिता, इंजीनियरिंग छात्रा भानु कुमारी, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही चिंता मीना और मधुबाला ने छात्रावास के अपने अनुभव बताए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के साथ-साथ संस्था के सहयोग से उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है।

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