नई दिल्ली। राजस्थान के बहरोड निवासी नेमीचंद जैन उर्फ तांत्रिक चंद्रास्वामी के एक साधारण व्यक्ति से देश के सबसे ताकतवर शख्सीयत बनने के पीछे एक लंबी कहानी जुड़ी हुई है। चंद्रास्वामी ने कम आयु में ही तंत्र साधना करना शुरू कर दिया था। वे उपाध्यार अमर मुनि और तांत्रिक पं. गोपीनाथ कविराज के शिष्य बने। हालांकि चंद्रास्वामी खुद जैन धर्म से थे, लेकिन वे काली की आराधना में विश्वास करते थे। बिहार के जंगलों में भी चंद्रास्वामी ने तंत्र साधना की। यूं तो चंद्रास्वामी पीवी नरसिंह राव के विश्वास प्राप्त व्यक्तियों में एक थे। यही वजह रही कि नरसिंह राव जब आंध्रप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो चंद्रास्वामी को युवा कांग्रेस हैदराबाद का महासचिव बना दिया गया। बाद में चंद्रास्वामी दिल्ली आ गए और यहां इंदौर के कांग्रेस सांसद महेश जोशी के बंगले में सर्वेंट क्वार्टर में रहने लगे। यह भी कहा जाता है कि मध्यप्रदेश के तत्कालीन सीएम प्रकाश चंद सेठी उस समय के तत्कालीन पीएम से निपटने के लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर में कोई अनुष्ठान करा रहे थे। इस बात की जानकारी जब चंद्रास्वामी को लगी तो उन्होंने अपने एक परिचित के जरिए संजय गांधी तक यह बात पहुंचा दी। इस पर संजय गांधी ने चंद्रास्वामी को तांत्रिक क्रिया की जिम्मेदार सौंपी और एक विशेष विमान से चंद्रास्वामी को उज्जैन भेजा। चंद्रास्वामी जब तंत्र साधना कर रहे थे, उसी दौरान सीएम प्रकाश सेठी को दिल का दौरा पड़ गया। इसके बाद तो चंद्रास्वामी एक महान तांत्रिक के रुप में उभर कर सामने आए। बाद में वे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी मिले।

-भभूत व दवाईयों का कमाल
तांत्रिक चंद्रास्वामी को जब प्रसिद्धि मिली तो उन्होंने विदेशों का रुख करना शुरू किया। अपनी भभूत व दवाईयों के बल पर उनके कई विदेशी भक्त बन गए। चंद्रास्वामी की दवा का असर रहा कि अभिनेत्री एलिजाबेथ टेलर स्वस्थ हुई, अब तो तांत्रिक चंद्रास्वामी हॉलीवुड में भी हिट हो गए। वहीं ब्रुनई के सुल्तान उनके शिष्य बने। यही नहीं ब्रिटेन की पूर्व पीएम मार्गेट थैचर, अभिनेता राजेश खन्ना, चंकी पांडे, अभिनेत्री प्रीति जिंटा व आशा पारिख के साथ कई लोग इसमें शामिल हो गए। कुंभ मेले में प्रीति जिंटा ने चंद्रास्वामी से एक यज्ञ भी करवाया।

-भविष्यवाणी सही साबित हुई
बात 1975 की है। जब चंद्रास्वामी लंदन आए। उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी लीडर माग्रेट थैचर से मिलने को लेकर तत्कालीन उच्चायुक्त नटवर सिंह से इच्छा जताई। जब चंद्रास्वामी की थैचर से मुलाकात हुई तो थैचर ने उनसे कई सवाल किए। इस पर चंद्रास्वामी ने थैचर के पीएम बनने संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि वे 9, 11 या 13 साल के लिए पीएम बनेंगी। उनकी यह भविष्यवाणी सही साबित हुई और थैचर 11 साल तक ब्रिटिश पीएम रहीें। इस बात का जिक्र खुद पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी पुस्तक वॉकिंग विद लॉयन्स-टेल्स फ्रॉम अ डिप्लोमैटिक पास्ट में किया।

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