– स्पीकर ने राहुल शेवाले को शिवसेना का नेता माना
मुंबई. महाराष्ट्र में सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नया दांव चल दिया है। शिंदे ने शिवसेना पर दावा ठोकते हुए लोकसभा स्पीकर के सामने 12 सांसदों की परेड करा दी। शिंदे का दावा है कि शिवसेना के 19 में से 18 सांसदों का समर्थन उनके पास है। शाम को स्पीकर ओम बिड़ला ने भी बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे समर्थक सांसद राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के नेता के तौर पर मान्यता दे दी। राहुल शेवाले दक्षिण मध्य मुंबई से पार्टी के सांसद हैं। शेवाले ने ही राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी को समर्थन देने के लिए उद्धव ठाकरे को चिट्‌ठी लिखी थी।
इधर, मुंबई में उद्धव ठाकरे ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। साथ ही महानगरपालिका अध्यक्षों को भी इस मीटिंग में शामिल रहने का निर्देश दिया गया है। विधायकों की बगावत के बाद उद्धव ने 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
– 12 सांसदों को केंद्र ने दी वाई प्लस सुरक्षा
शिवसेना के 12 सांसदों को केंद्र सरकार की ओर से वाई प्लस सुरक्षा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना के 19 में से 12 सांसद अलग गुट का दावा लोकसभा में पेश कर सकते हैं। ये सांसद मंगलवार को प्रधानमंत्री से भी मिल सकते हैं। महाराष्ट्र संकट को लेकर अब सबकी नजर 20 जुलाई को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर है। चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की बेंच उद्धव ठाकरे की अगुआई वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही शिवसेना की लड़ाई में नया मोड़ आएगा।
-शिवसेना पर दावे के पीछे शिंदे पक्ष की दलील क्या है?
शिवसेना के 40 विधायक और 13 सांसद मूल पार्टी (उद्धव की शिवसेना) से अलग हो गए हैं। बागी गुट के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सांसदों और विधायकों की संख्या के आधार पर दावा किया है कि उनके पास दो तिहाई जनप्रतिनिधि हैं, इसलिए असली शिवसेना अब उनकी वाली है। 21 जून को हुई कार्यकारणी की आखिरी बैठक को अगर आधार माना जाए तो उद्धव के पास कार्यकारिणी का बहुमत है, इसलिए विद्रोहियों के लिए यह मुश्किल में डालने वाला हो सकता है। इस बैठक में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को फिर से चुना गया था। सभी ने उद्धव ठाकरे को पार्टी के फैसले लेने का अधिकार दिया था। बैठक में यह भी तय किया गया कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल कोई और नहीं करेगा।

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