Steps to be considered without foreshadowing, organized loot: Manmohan Singh

अहमदाबाद। पिछले वर्ष 8 नवंबर को नोटबंदी होने के बाद सारा देश बैंकों और एटीएम की कतारों में लग गया था। सत्ता पक्ष जहां इसे दुरगामी नतीजों वाला बता रहा था और अब भी उसकी सराहना कर रहा है। तो विपक्ष लगातार सरकार के इस फैसले को जनता पर जर्बदस्ती थोपने वाला और देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने वाला बता रहा है। वहीं अब नोटबंदी को बिना सोचा समझा कदम बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज दोहराया कि बड़े मूल्य नोटों को चलन से बाहर करने की राजग सरकार की कार्रवाई ह्य एक संगठित लूट और कानूनी डाका था। सिंह ने यहां गुजरात के व्यवसायियों और कारोबारियों के साथ अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा में कहा कि नोटबंदी का कोई लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है।

राज्य में चुनावी माहौल के बीच सिंह ने कहा, नोटबंदी एक संगठित लूट और कानूनी डाका था। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू करने को लेकर सरकार के निर्णय पर प्रहार करते हुए सिंह ने कहा कि जीएसटी अनुपालन की शर्तें छोटे कारोबारियों के लिए दु:स्वप्न की तरह हो गई हैं। उन्होंने केंद्र सरकार अहमदाबाद-मुंबई बुलेट रेल परियोजना की भी आलोचना की और कहा कि यह एक दिखा है। सिंह की यात्रा कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सूरत यात्रा के एक दिन पूर्व हुई है। कल नोटबंदी की बरसी पर गांधी सूरत की यात्रा कर सकते हैं। पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा एक वर्ष पूरा होने पर विपक्षी दिलों ने काला दिवस मनाने की घोषणा की है।

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