Fraud Case

नई दिल्ली: मद्रास उच्च न्यायालय ने 2012 में द्रमुक नेता और तमिलनाडु के पूर्व मंत्री के एन नेहरू के भाई की हत्या के मामले की जांच का जिम्मा आज सीबीआई को सौंप दिया। इसके साथ ही अदालत ने राज्य अपराध शाखा सीआईडी पुलिस के उस अनुरोध को खारिज कर दिया जिसमें मामले को सुलझाने के लिए और समय दिए जाने की मांग की गयी थी। मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति ए एम बशीर अहमद ने पीड़ित नेता के एन रामजेयम की पत्नी की याचिका को स्वीकार कर लिया। साथ ही अदालत ने सीबी-आईआईडी की आलोचना करते हुए कहा कि पांच साल बीत जाने के बाद भी जांच में बिना किसी प्रगति के वह स्थगनों की मांग कर रहा है।

रामजेयम (50 साल) 29 मार्च 2012 को सुबह की सैर के लिए घर से निकले थे। इसके बाद उनका शव बरामद किया गया था। उनका गला घोंटा गया था और उनके हाथ-पैर बंधे थे। सीबी-सीआईडी की और समय दिए जाने की मांग को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि मामला सीबीआई को हस्तांतरित किया जा रहा है ताकि एक प्रसिद्ध व्यक्ति की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत की जांच को लेकर आम लोगों या पीड़ित के परिवार के सदस्यों के मन में किसी संदेह की आशंका को दूर किया जा सके। न्यायाधीश ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिया कि वह एक जांच अधिकारी नामित करें जो तीन महीने के अंदर संबंधित अदालत के समक्ष प्रगति रिपोर्ट दाखिल करेंगे।

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