Court ordered

जयपुर । बिना वीजा एवं फर्जी पासपोर्ट से भारत आकर ईनाम निकालने का झांसा देकर अव्ौध वसूली का धन्धा करने वाले मुसेफ गुशी (35) निवासी प्रेक्टोरिया दक्षिण अफ्रीका को जाली नोट मामलों की विशष अदालत ने 7 साल के कठोर कारावास तथा 2 लाख 72 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। गिरोह में शामिल लक्ष्मीकांत प्रजापति (27) निवासी उत्तर नगर-नई दिल्ली तथ प्रमोद रावत (18) निवासी अंसारी नगर वैस्ट कैम्पस-नई दिल्ली को 3 साल की सश्रम जेल एवं 15-15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले में नसीराबाद सिटी-अजमेर थाना पुलिस ने फरार तीन आरोपियों राजीव माथुर, राजू खान और निखिल नोटियाल के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 173 (8) में अनुसंधान लम्बित रखा हुआ है। इस संबंध में 7 फरवरी, 2015 को सन्नी करोती ने पुलिस में रिपोर्ट दी थी कि मां रीना हरीजन के मोबाइल पर यू हैव वोन वन करोड़ इन यूके मैसेज आया था।

एनरोलमेंट फीस व अन्य टैक्स का हवाला देकर परिवादिया से 2,96,500 रुपए विभिन्न बैंक खातों में जमा करवाए गए। और पैसे जमा नहीं कराने पर मुसैफ गुथी 6 फरवरी, 2015 को परिवादिया के घर आया और जाली डॉलर देने का प्रयास किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने अफ्रीकन से 254 नकली डॉलर, कैमिकल, फर्जी वीजा व फर्जी पासपोर्ट सहित अन्य सामान जब्त कर 7 फरवरी, 2015 को गिरफ्तार किया था। बाद में गिरोह में शामिल लक्ष्मीकांत को 21 अप्रेल को और प्रमोद को 27 अप्रेल को गिरफ्तार किया था। मुसेफ को आज तक जमानत का लाभ नहीं मिला। बचाव के लिए वह अपना वकील भी नहीं कर सका। विधिक सेवा प्राधिकरण ने ही उसको विधिक सहायता उपलब्ध करवाई थी। जांच में पता चला कि वह भारत में उमोरू नेल्सन के नाम से भारत आया था। उसका वीजा भी ज्याला अन्ना मारिया के नाम से था। वह भारत में 3 अगस्त, 2011 से रह रहा था। कोर्ट ने उसे आईपीसी की धारा 420, 406, 489ए, 489बी, 489डी, 467, 471 व 472, आईटी एक्ट की धारा 66 एवं पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के अपराध का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।

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