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Supreme Court to hear today in verdict right to privacy

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाईवे पर शराब दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है। देश के सभी राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों पर शराबबंदी का यह आदेश लागू होगा। हाइवे पर जो दुकानें अभी हैं उनके लाइसेंस को फि र से बहाल नहीं किया जाएगा। अब शराब की दुकानें कम से कम स्टेट और नेशनल हाइवे से 500 मीटर की दूरी पर होंगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लागू करने की जिम्मेदारी राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले से हाईवे पर सड़क सुरक्षा काफी हद तक सुनिश्चित हो सकेगी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फ़ै सला दिया है। जस्टिस ठाकुर ने कहा कि राज्यों ने केंद्र सरकार की उस सलाह की उपेक्षा की है जिसमें कहा गया था कि सरकारें हाइवे पर शराब की दुकान के लिए लाइसेंस जारी नहीं करे। राज्य सरकारों ने हाइवे पर शराब की दुकानों के लिए खूब लाइसेंस दिया है। पहली बार केंद्र सरकार ने इस मामले में 2007 में राज्यों को इस मामले में नोटिस भेजा था। जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा, राष्ट्रीय और राज्य हाइवे को शराब की बिक्री और विज्ञापन से मुक्त होना चाहिए। हमने सभी हाइवे अथॉरिटी को निर्देश दिया है कि शराब से जुड़े सारे होर्डिंग्स हटाए जाएं। इन होर्डिंग्स से ध्यान बंटता है और ये बिल्कुल नहीं दिखने चाहिए। सड़कों पर इन होर्डिंग्स का दिखना लालच को उकसाने की तरह है। इस मामले में पंजाब सरकार के वकील को भी कोर्ट की फटकार का सामना करना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा था कि आप शराब लॉबी के समर्थन में बोल रहे हैं।

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