raajasthaan mein kaangres banaegee sarakaar, vidhaayakon kee raay se hoga mukhyamantree ka phaisala - gahalot

जयपुर। घाना की राजधानी अक्रा के एक विश्वविद्यालय में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटा दी गई। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए केन्द्र सरकार से मांग की है कि विदेश मंत्रालय को इस मामले को अति गंभीरता से लेना चाहिए, साथ ही यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि गांधी जी की प्रतिमा का किसी भी तरह से अनादार नहीं होने पाए। महात्मा गांधी का पूरा जीवन हर तरह के अन्याय व अत्याचार के विरूद्ध अहिंसात्मक संघर्ष के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने भारत में ही नहीं वरन् अपने सार्वजनिक जीवन के शुरूआती दिनों में दक्षिण अफ्रीका में भी अन्याय और असमानता के विरूद्ध लड़ाई लड़ी।

इतना ही नहीं गांधी जी ने अपने पूरे जीवनकाल में अन्याय, असमानता व अत्याचार के विरूद्ध अहिंसात्मक तरीके से संघर्ष के लिए विश्व के किसी भी कोने से उठने वाले लगभग हर आवाज को अपना नैतिक समर्थन दिया था। एक ओर तो घाना सरकार यह बात स्वीकार कर रही है कि गांधी जी ने दुनिया भर में आजादी व नागरिक अधिकारों के लिए आंदोलन को प्रेरित किया। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा जून 2016 में अनावरण किये गए उनकी प्रतिमा को हटाने का काम कर रही हैं। देश-दुनिया में अरबों लोग महात्मा गांधी के कार्यों -विचारों के अनुयायी हैं एवं उन्हें अपना प्ररेणास्त्रोत मानते हैं। ऐसी स्थिति में घाना सरकार का यह निर्णय ऐसे लोगों की भावनाओं को भारी ठेस पहुंचाने वाला है। घाना सरकार को अपने इस अविवेकपूर्ण निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।

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