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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को चण्डीगढ़ में आयोजित उत्तर-क्षेत्रीय परिषद् की 29वीं बैठक में राजस्थान से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मजबूती से अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि अंतर्राज्यीय जल समझौतों के अनुरूप प्रदेश को उसके हिस्से का पूरा पानी मिले। मुख्यमंत्री नेे कहा कि पंजाब सरकार ने राजस्थान के साथ समझौतों पर सकारात्मक रूख अपनाया है। अब हरियाणा सरकार भी राजस्थान के हितों का ध्यान रखे।

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि रावी ब्यास नदी के जल में राजस्थान की शेष हिस्सेदारी का 0.60 एमएएफ जल छोड़े जाने, हरिके पर राजस्थान की नहरों में प्रदूषित जल का प्रवाह रोकने तथा हरिके पर इंदिरा गांधी फीडर के हैड रेगुलेटर की क्षमता बढ़ाने सहित अन्य मुद्दों पर पंजाब सरकार से बीते दिनों द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। इसमें बनी सहमति के अनुसार पंजाब और राजस्थान लाभप्रद समझौते की ओर अग्रसर हैं। नहरों में प्रदूषित जल का प्रवाह रोकने के लिए पंजाब सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है।

पारस्परिक सहयोग से संचालित होगा अलवर में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज

बैठक में अलवर में लंबे समय से अनुपयोगी पडे़ ईएसआईसी के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भवन को राज्य सरकार तथा ईएसआईसी द्वारा आपसी सहयोग से संचालित किए जाने पर सहमति बनी। श्री गहलोत ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा था कि ईएसआईसी द्वारा करीब 900 करोड़ रूपये की लागत से बने इस अस्पताल व मेडिकल कॉलेज भवन का लोगों को लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए मेडिकल कॉलेज को समझौता कर आपसी सहयोग से चलाया जा सकता है।

प्रदेश के 1376 गांवों को बैंकिंग सेवाओं से जोडें़

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से आग्रह किया कि सीधी बैंकिंग सेवा से वंचित प्रदेश के एक हजार 376 गांवों में भारत सरकार बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करवाए। उन्होंने कहा कि ऎसे गांव जहा 5 किलोमीटर के दायरे में कोई भी बैंक शाखा नहीं है, वहां बैंकों की शाखाएं खोली जाएं ताकि लोग स्थानीय स्तर पर बैंकिंग सेवाएं प्राप्त कर वित्तीय समावेशन की दिशा में आगे बढ़ सकें।

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