-सीएम अशोक गहलोत ने कहा, बीजेपी फिर से इस प्रयास में है कि कैसे राजस्थान में सरकार गिराई जाए
जयपुर। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक बार फिर बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सचिन पायलट कैंप का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि बीजेपी फिर से इस प्रयास में है कि कैसे राजस्थान में सरकार गिराई जाए? सीएम गहलोत ने साल 2020 में आए सियासी संकट का जिक्र करते हुए कहा कि उस वक्त हमारे कुछ विधायकों ने अमित शाह के साथ बैठक की थी और उनके हाथों से मिठाई खाई थी। उस बैठक में बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान और जफर इस्लाम भी थे। इनके बीच लंबी बातचीत हुई थी, सरकार भी संकट में आई थी और हमें बाड़ेबंदी में रहना पड़ा। थोड़े दिन चलता रहा फिर सरकार बच गई।
– विधायकों को दिए 10-10 करोड़ के ऑफर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उस वक्त विधायकों को 10-10 करोड़ के ऑफर दिए गए थे और जब राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख तय कर दी थी तब 30 से 40 करोड़ रुपए विधायकों को ऑफर किया गए लेकिन हमारे विधायकों ने सरकार बचाई। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बीजेपी देश में लोकतंत्र की हत्या करने में लगी हुई है. हॉर्स ट्रेडिंग और खरीद-फरोख्त के जरिए सरकारों को गिराया जा रहा है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र में सरकार गिरा दी गई। कई और राज्यों में भी विधायकों को खरीदा गया लेकिन राजस्थान में हमारी सरकार को गिराने में नाकामयाब साबित हुए।
– 102 विधायकों को नहीं छोड़ सकता
गहलोत ने सोनिया गांधी से माफी मांगने के सवाल पर कहा कि मैं 102 विधायकों का अभिभावक हूं, जिन्होंने सियासी संकट में सरकार बचाई थी तो उन्हें धोखा नहीं दे सकता। मुझे खेद है कि मैं पार्टी आलाकमान के आदेश की पालना नहीं करवा पाया। मेरे 50 साल के राजनीतिक जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है जब हाईकमान के आदेश की पालना नहीं हो पाई। हाईकमान के प्रतिनिधि आते हैं, हम सब की ड्यूटी होती है कि एक लाइन का प्रस्ताव पास करवाएं। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया अब ऐसी परिस्थिति क्यों बन गई थी यह रिसर्च का विषय है। विधायकों ने मेरी बात नहीं मानी, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी कहा कि अगर विधायक इस तरह का व्यवहार करेंगे तो मुख्यमंत्री राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन दाखिल नहीं कर पाएंगे तो विधायकों ने साफ कर दिया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का फॉर्म नहीं भरें तो कोई बात नहीं लेकिन वो हमारे अभिभावक हैं और हमें छोड़कर कहीं नहीं जा सकते, हम यहां पर किसके भरोसे रहेंगे। सियासी संकट में 102 विधायकों को आश्वासन दिया था कि मैं आपका अभिभावक हूं इसलिए उन्हें धोखा देकर कहीं नहीं जा सकता। इसलिए मैंने पार्टी आलाकमान से माफी मांगना मंजूर किया। 102 विधायकों में से कुछ विधायकों के मुखर होने के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि 102 विधायकों में कुछ विधायक मेरे खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, उनकी अपनी मजबूरी हो सकती है, लेकिन मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है क्योंकि उन विधायकों ने भी सरकार बचाने में अपनी भूमिका निभाई थी, इसलिए मैं उनका अहसान कभी नहीं भूल सकता हूं।
– आलाकमान तय करेगा,मुख्यमंत्री कौन रहेगा
सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा पर कहा कि मैं तो अपना काम कर रहा हूं, मुख्यमंत्री कौन होगा, कौन नहीं रहेगा इसका फैसला पार्टी आलाकमान को करना है। मैंने तो विधायकों की और अपनी बात पार्टी आलाकमान से कह दी और जो घटनाक्रम हुआ उसके लिए मैंने उनके सामने खेद व्यक्त किया। गहलोत ने कहा कि हमारी योजनाओं की देश भर में तारीफ हो रही है। चिरंजीवी योजना, स्मार्टफोन योजना और शहरी रोजगार गारंटी योजना को देश भर में सराहा जा रहा है। पिछली बार हमने किसानों को फोकस करके बजट पेश किया था लेकिन इस बार सरकार के पांचवे और अंतिम बजट को युवा पर फोकस किया जाएगा। पूरा बजट युवाओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा, युवाओं को हम से काफी उम्मीदें हैं।
– 102 विधायक भड़के क्यों, यह रिसर्च का विषय
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा जब यह लगा कि मैं अध्यक्ष बन जाऊंगा तो नया मुख्यमंत्री आएगा। इससे 102 विधायक इस कदर भड़क गए कि उन्होंने किसी की नहीं मानी। उन्हें इतना क्या भय था? ऐसा क्यों हुआ, क्या कारण रहे, इस पर तो रिसर्च करना चाहिए। ऑब्जर्वर को भी चाहिए कि वे कांग्रेस अध्यक्ष की सोच, व्यवहार के ढंग से काम करें, ताकि वह ऑरा बना रहे। राजस्थान का केस अलग हो गया। यह तो हिस्ट्री में लिखा जाएगा। गहलोत ने कहा कि विधायकों को इतना क्या भय था, यह उन्हें कैसे उन्हें मालूम पड़ा, मैं पता नहीं कर पाया, वो कैसे कर पाए। ऐसी नौबत क्यों आई, हमारे सब नेताओं को सोचना चाहिए कि क्या हुआ? उन्होंने कहा कि हम सब में कमियां हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे लिए राजस्थान में सरकार बनाना जरूरी है। मैंने अगस्त में ही सोनिया गांधी से कह दिया था कि आप चाहें तो जो सरकार रिपीट कर सके, उसे मुख्यमंत्री बना दीजिए, मैं सीएम पद छोड़ दूंगा।
– सरकार बची तो काम कराएंगे:संयम लोढ़ा
मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने सिरोही में एक ऐसा बयान दिया, जिससे कई तरह के मायने निकाले जाने लगे। लोढ़ा ने एक सभा में मौजूद जनता से कहा कि यदि सरकार बची तो बाकी काम भी कराएंगे।

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