नई दिल्ली. इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान भयानक मंजर देखने को मिला है। मैच के दौरान दो फुटबॉल टीम के समर्थक आपस में भिड़ गए, जिसके बाद यह देखते ही देखते हिंसा का रूप ले लिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फुटबॉल मैच में हुई हिंसा और उसके बाद हुई भगदड़ से 150 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। वहीं सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस घटना के बाद एक हफ्ते के लिए मैच में रोक लगा दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी जावा के मलंग रीजेंसी के कंजुरुहान स्टेडियम में पर्सबाया क्लब और अरेमा फुटबॉल क्लब के बीच मैच हो रहा था। इस मैच में अरेमा की टीम हार गई, जिससे अरेमा के फैंस अपनी टीम की हार से इस कदर बौखला गए कि वे फुटबॉल कोर्ट में उतर गए। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोल छोड़े और जमके लाठीचार्ज की। पूर्वी जावा पुलिस महानिरीक्षक निको अफिंटा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मानवाधिकार आयोग ने इस घटना में मरने वालों की संख्या 153 बताया है, जबकि अरेमा फुटबॉल क्लब ने यह संख्या 182 बताई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले साल 1964 में इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान रेफरी ने एक गलत निर्णय दे दिया था, जिसके बाद हिंसा हुई थी। इस हिंसा में 300 लोगों की जान गई थी। इंडोनेशिया के फुटबॉल संघ ने शनिवार देर रात एक बयान जारी करके इस घटना पर खेद व्यक्त किया। कांजुरुहान स्टेडियम में अरेमा समर्थकों की ओर से की गई कार्रवाई पर खेद जताते हैं। हम पीड़ितों के परिवारों और घटना के लिए सभी पक्षों से माफी मांगते हैं। इसके लिए एक जांच दल का गठन किया, जिसके बाद जांच टीम स्टेडियम के लिए रवाना हो गई है। इंडोनेशिया के फुटबॉल संघ ने इस हिंसा और भगदड़ के बाद लीग के सभी मैच को एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही अरेमा फुटबॉल क्लब की टीम को इस सीजन के बाकी मैचों में मेजबानी करने से प्रतिबंधित कर दिया है।

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