जयपुर। विश्व जनंसख्या दिवस के अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बुधवार को इंदिरागांधी पंचायतीराज संस्थान सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय सम्मान समारोह में इंजेक्टेबल गर्भ निरोधक साधन अन्तरा इंजेक्शन उपयोगकर्ता महिलाओं की मॉनिटरिंग एवं फॉलोअप के लिए ‘‘अन्तरा राज‘‘ सॉफ्टवेयर व प्रचार-प्रसार पोस्टर का भी शुभारम्भ किया। साथ ही परिवार कल्याण एवं टेलीमेडिसन सेवाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किये। इस अवसर पर चिकित्सा राज्य मंत्री श्री बंशीधर खण्डेला भी मौजूद थे।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि 11 जुलाई से 24 जुलाई तक प्रदेश में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा आयोजित कर ‘‘एक सार्थक कल की शुरूआत-परिवार नियोजन के साथ’’ का संदेश गांव-गांव और ढ़ाणी-ढ़ाणी तक पहुंचाया जायेगा। इस पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता, तरीकों एवं इसके लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में आमजनता को जानकारी देने के लिये जन-जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जायेगी।सराफ ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक माह के तीसरे बुधवार को पुरूष नसबंदी दिवस के रूप में आयोजित कर पुरूषों के लिए नसबंदी व परामर्श सेवाएं उपलब्ध करवाने के साथ ही जनसमुदाय में छोटा परिवार-सुखी परिवार की अवधारणा भी विकसित की जा रही है। प्रदेश के 14 जिलों में कुल प्रजनन दर में सुधार लाने के उद्देश्य से ‘मिशन परिवार विकास‘ लागू कर नये गर्भनिरोधक साधन ‘‘छाया गोली एवं अंतरा इंजेक्शन’’ उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।

सराफ ने बताया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत वर्ष 2017-18 में एक लाख 92 हजार से अधिक महिलाओं को गर्भनिरोधक साधन पीपीआईयूसीडी लगायी गयी है। साथ ही इस दौरान रिकॉर्ड 31 हजार 209 इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन की डोज लगायी गयी है। यह देशभर में सर्वाधिक है। सेम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे 2012 के अनुसार राजस्थान की कुल प्रजनन 2.9 थी, जो अब घटकर एनएफएचएस-4 सर्वे (वर्ष 2015-16) के मुताबिक 2.4 रह गयी है। साथ ही उन्होंने लक्ष्य के मुताबिक टीएफआर को और कम करने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

सराफ ने कहा कि मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर कम करने के उद्देश्य से संस्थागत प्रसव बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप एनएफएचएस-4 सर्वे के मुताबिक प्रदेश में संस्थागत प्रसव बढ़कर अब 84 प्रतिशत हो गये हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान की मातृ मृत्युदर एसआरएस 2013 के अनुसार 244 थी, जो कि घटकर सेम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) 2016 के अनुसार 199, शिशु मृत्युदर अब 41 एवं नवजात शिशु मृत्युदर 28 प्रति हजार रह गयी है।चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर खण्डेला ने कहा कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या सम्पूर्ण विश्व के लिए एक चुनौती बन चुकी है एवं बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रकृति का संतुलन निरन्तर बिगड़ता जा रहा है। बढ़ती जनसंख्या से आवास, खाद्यान्न, पेयजल, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के क्षेत्र में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इन क्षेत्रों में निरन्तर हो रहे विकास कार्य बढ़ती जनसंख्या के कारण गौण हो जाते हैं।

खण्डेला ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि का सबसे बड़ा कारण जन्म दर का अधिक होना है। उन्होंने परिवार कल्याण के क्षेत्र में और अधिक प्रभावी ढंग से कार्ययोजना बनाते हुए कार्य करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। साथ ही उन्हाेंने सभी स्वास्थ्य कार्मिकों से पूर्ण निष्ठा और लगन के साथ आमजनता को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का भी आह्वान किया।अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वीनू गुप्ता ने परिवार नियोजन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मातृ स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही लाभार्थियों को बेहतर परिवार कल्याण सेवायें प्रदान करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन की स्थायी साधनों में पुरूषों की सहभागिता ना के बराबर है। इसके बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने शुरू से ही योग्य दम्पतियों के साथ नियमित रूप से परिवार नियोजन संबंधी काउंसलिंग करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने बताया कि वर्ष 2017-18 में लाभार्थी महिलाओं को रिकॉर्ड 31 हजार 209 इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन की डोज लगायी गयी है। यह देशभर में सर्वाधिक है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 18 हजार अंतरा इंजेक्शन की डोज लगायी गयी हैं। उन्हाेंने इंजेक्टेबल गर्भ निरोधक साधन अन्तरा इंजेक्शन उपयोगकर्ता महिलाओं की मॉनिटरिंग एवं फॉलोअप के लिए ‘‘अन्तरा राज‘‘ सॉफ्टवेयर के बार में विस्तार से जानकारी दी।परिवार कल्याण उपलब्धियों में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्रदेश में वर्ष 2017-18 में सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले छः जिलों में अजमेर जिले को 15 लाख रुपये की राशि का प्रथम पुरस्कार, कोटा जिले को 12 लाख का द्वितीय पुरस्कार, बारां जिले को 10 लाख रुपये की राशि का तृतीय पुरस्कार एवं भीलवाड़ा, अलवर और टोंक जिले को 5-5 लाख की राशि के पुरस्कार एवं प्रतीक चिंह् देकर सम्मानित किया गया। अजमेर जिले की ओर से पुरस्कार जिला कलक्टर आरती डोगरा एवं बांरा का पुरस्कार जिला कलक्टर डॉ.एस.पी.सिंह ने प्राप्त किये। इन जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों भी साथ रहे।

पीपीआईयूसीडी निवेशन में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कारप्रसव पश्चात् आईयूसीडी निवेशन में सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वालो की श्रेणी में चूरु जिले को प्रथम, श्रीगंगानगर को द्वितीय एवं राजसमंद जिले को तृतीय पुरस्कार प्रदान किये गये। इन्हें 2-2 लाख रुपये की राशि, प्रतीक चिन्ह् एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।उत्कृष्ट उपलब्धि वाली 6 पंचायत समितियां पुरस्कृत
चिकित्सा मंत्री ने परिवार कल्याण व अन्य स्वास्थ्य सूचकांकों में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि पर 6 पंचायत समितियों में अलवर जिले की नीमराणा पंचायत समिति को 7 लाख रुपये की राशि का प्रथम पुरस्कार, भीलवाड़ा जिले की सुवाणा पंचायत समिति को 6 लाख का द्वितीय पुरस्कार, पाली जिले की बाली पंचायत समिति को 5 लाख का तृतीय पुरस्कार तथा हनुमानगढ़ की रावतसर पंचायित समिति, चित्तौड़गढ़ की निम्बाहेड़ा पंचायत समिति एवं नागौर जिले की लाडनू पंचायत समितियों को 2-2 लाख रुपये के पुरस्कार, प्रतीक चिन्ह् व प्रमाण देकर पुरस्कृत किया गया।

सर्वश्रेष्ठ 6 ग्राम पंचायते पुरस्कार ग्राम पंचायतों में झालावाड़ जिले की ग्राम पंचायत कुण्डीखेड़ा को 4 लाख की राशि का प्रथम पुरस्कार, अजमेर की ग्रामपंचायत सराधना को 3 लाख की राशि का द्वितीय व सनोद पंचायत को 2 लाख का तृतीय पुरस्कार तथा झालावाड़ जिले की ग्राम पंचायत सरखण्डिया, राजसमंद की ग्राम पंचायत दोवड व चूरू जिले की ग्राम पंचायत कोटवाडताल को 1-1 लाख की राशि के पुरस्कार व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।उत्कृष्ट परिवार सेवा हेतु स्वास्थ्य केन्द्र पुरस्कृतहनुमानगढ़ जिला चिकित्सालय, बारां जिले की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अंता एवं अजमेर जिले की पीएचसी सराधना को 1-1 लाख के पुरस्कार व प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया है। निजी क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं उपलब्ध करवाने पर उदयपुर के पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस, अलवर के ओम हॉस्पीटल एवं सीकर के भूमिका हॉस्पिटल को 1-1 लाख रुपये के पुरस्कार व प्रमाण देकर सम्मानित किया गया।

सहयोगी गैर-सरकार संगठन पुरस्कृतपरिवार कल्याण सेवाओं में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए एफ.आर.एच.एस इण्डिया, जयपुर को प्रथम तथा कोटा के परिवार सेवा संस्थान को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किये गये।व्यक्तिगत उपलब्धि पर अधिकारी व कार्मिक पुरस्कृत परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अन्तर्गतगत् पिछले 3 वर्षो में 2 बार पुरस्कार प्राप्त करने तथा विगत् में भी उत्कृष्ठ कार्य करने पर व्यक्तिगत रूप से हनुमान के अति. सीएमएचओ डॉ.योगेन्द्र तनेजा, श्री गंगानगर के डिप्टी सीएमएचओ डॉ.मुकेश मेहता तथा झालावाड़ जिले के डिप्टी सीएमएचओ डॉ.मन्ना लाल मीणा को 10-10 हजार राशि के प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार, प्रतीक चिन्ह् व प्रमाण देकर पुरस्कृत किया गया।
समारोह में सैदपुर (अलवर) की एएनएम उर्मिला देवी, नीमराणा (अलवर) श्रीमती सविता देवी तथा ऊंटवालिया (जोधपुर) किरण बाला को रु.7100, रु.5100 तथा रु.4100 की राशि के व्यक्तिगत पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।

सर्वाधिक पुरुष नसबन्दी उपलब्धि पर आशासहयोगिनी सम्मानितप्रदेश में सर्वाधिक पुरुष नसबंदी की 25 एनएसवी की उपलब्धि करवाने पर बारां जिले की आशासहयोगिनी श्रीमती ललिता राठी को रु.5100 की राशि का पुरस्कार व प्रमाण देकर पुरस्कृत किया। राज्यस्तर पर परिवार कल्याण सेवाओं में अहम् योगदान करने वाले सहायक सांख्यिकी अधिकारी श्री प्रेमशंकर शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी परिवार कल्याण श्री मनोज कुमार तथा प्रेमसुख को प्रशस्ति पत्र प्राप्त कर सम्मानित हुए। उत्कृष्ट टेली मेडिसिन सेवा वाले चिकित्सालय पुरस्कृतचिकित्सा मंत्री ने प्रदेश के 100 राजकीय चिकित्सालयों में संचालित टेली मेडिसिन परियोजना में उत्कृष्ट सेवाएं देने पर हनुमानगढ़ के जिला चिकित्सालय, अजमेर के यज्ञ नारायण चिकित्सालय किशनगढ़ तथा दौसा जिला चिकित्सालय को पुरस्कृत किया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में श्रेष्ठ टेली मेडिसिन सेवाएं देने पर चित्तौड़गढ़ की बेगुन सीएचसी, जोधपुर की बिलाड़ा सीएचसी तथा भरतपुर जिले की भुसावर सीएचसी को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में टेली मेडिसिन परियोजना जुलाई 2017 से प्रारंभ की गयी एवं वर्तमान में यह सेवा 30 जिला चिकित्सालय, 13 उपखंड चिकित्सालयों, 4 सैटेलाइट चिकित्सालयों तथा 49 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सचांलित है जहां जयपुर में बैठे वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा इन चिकित्सालयों के मरीजों को जांच, उपचार एवं अन्य परामर्श की निःशुल्क सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. आरूषि मलिक ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. वी.के. माथुर, निदेशक आर.सी.एच. डॉ. एस.एम. मित्तल, डवलपमेंट पार्टनर्स के प्रतितिधि सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

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