Accident Claim

नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट ने आखिरकार 12 साल बाद गुरुवार को वर्ष 2005 में सीरियल ब्लास्ट मामले में 3 आरोपियों के खिलाफ अपना फैसला सुनाया। इस दौरान कोर्ट ने एक आरोपी तारिक अहमद डार को गैरकानूनी गतिविधियां चलाने का आरोपी माना। इसके लिए उसे 10 साल सजा सुनाई। लेकिन 11 साल से जेल में रहने के कारण उसकी सजा पूरी मानी गई। वहीं दो अन्य आरोपियों मोहम्मद रफीक शाह और मोहम्मद हुसैन फाजिल को बरी कर दिया। कोर्ट का यह फैसला दिल्ली पुलिस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। गौरतलब है कि दीपावली के त्योंहार से एक दिन पूर्व दिल्ली के पहाडग़ंज, गोविंदपुरी व सरोजनी नगर में तीन बम धमाके हुए। जिसमें 60 लोगों की मौत हुई तो 100 से ज्यादा घायल हुए। सबसे ज्यादा मौंते सरोजनी नगर में हुई। जहां 50 लोग बम धमाके में मारे गए। पुलिस ने जांच में डार व दो अन्य के संबंध लश्कर-ए-तैयबा से होने की बात कही। जहां चार्जशीट में तीनों पर देश के खिलाफ जंग छेडऩे, साजिश रचने, हथियार जुटाने, हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप लगाए। इस मामले में 250 से भी अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। लेकिन कोर्ट में पुलिस दो अन्य आरोपियों रफीक शाह व मोहम्मद हुसैन फाजिल के खिलाफ ठोस सबूत नहीं जुटा पाई। जिससे उस पर लगे आरोप प्रमाणित नहीं हो सके।

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