जयपुर। अम्बाबाडी क्षेत्र में द्रव्यवती नदी के बहाव क्षेत्र को पाटकर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होने के मामले में नोटिस जारी होने तथा तामील होने के बाद जवाब पेश नहीं करने एवं सुनवाई के दौरान उनकी ओर से कोई हाजिर नहीं होने पर राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्गजोग और न्यायाधीश वी के व्यास की खंडपीठ ने मुख्य सचिव, जिला कलक्टर और जेडीसी से अब शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए है।

इस संबंध में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार करोडों रुपए खर्च कर द्गव्यवती नदी का सौन्दर्यकरण और रखरखाव कर रही है एवं दूसरी तरफ अम्बाबाडी इलाके में नदी के बहाव क्षेत्र को निरन्तर मलबे से पाटा जा रहा है एवं पाटे गए हिस्से पर रसूखदार लोग कार बाजार चला रहे हैं। यहां निजी बस स्टैंड तक भी बना दिया गया है। बहाव क्षेत्र में मलबा डालने से निकली जमीन पर लाडनूं विधायक मनोहरसिंह के नाम का बोर्ड तक लगा हुआ है। याचिका में आरोप है कि विधायक के प्रभाव के कारण यहां से अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। हाईकोर्ट से नदी के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटवाने की मांग की गई।

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