aap ne jaaree kee 20 pratyaashiyon kee soochee, raamapaal jaat tonk se ladenge chunaav

नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) रविवार को अपने पांचवें स्थापना दिवस पर पिछले पांच साल में राजनीतिक बदलाव के पार्टी के लक्ष्य को पूरा करने में अब तक मिली कामयाबी का रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी। पार्टी ने राजनीतिक बदलाव की मुहिम के महज पांच साल के सफर में एक राज्य में सत्तासीन होने, एक अन्य राज्य और तीन स्थानीय निकायों में मुख्य विपक्षी दल बनने को आप की प्रमुख उपलब्धि के रूप में रिपोर्ट कार्ड में शामिल किया है। आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने आज संवादददाताओं को बताया कि पार्टी के 22 राज्यों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता 26 नवंबर को आप के स्थापना दिवस समारोह में शिरकत कर पांच साल से चल रहे राजनीतिक आंदोलन के देशव्यापी विस्तार की कार्ययोजना को अंतिम रूप देंगे।

राय ने बताया कि इस अवसर पर रामलीला मैदान में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में आप के अब तक के राजनीतिक आंदोलन का रिपोर्ट कार्ड पेश किया जायेगा। इसमें दिल्ली में दो विधानसभा चुनाव में मिली कामयाबी, पिछले लोकसभा चुनाव की नाकामी तथा पंजाब और गोवा विधानसभा तथा दिल्ली नगर निगम चुनाव में आप के दूसरी बड़ी ताकत बन कर उभरने का अनुभव कार्यकर्ताओं के साथ साझा करते हुये अन्य राज्यों में भी राजनीतिक बदलाव की इस मुहिम को आगे बढ़ाने की रणनीति बनायी जायेगी। उन्होंने कहा ‘‘आप के विस्मयकारी उदय से लेकर अब तक के संघर्ष का प्रभाव जिस तरह से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर पड़ा है, उसे पार्टी के अनुभव के रूप में रिपोर्टकार्ड के माध्यम से देश दुनिया के सामने उजागर किया जायेगा।’’ राय ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन के एजेंडे में मध्य प्रदेश से शुरू हुये किसान आंदोलन की कामयाबी को अन्य राज्यों में ले जाने, जनलोकपाल से शुरू हुई भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में आये ठहराव और दिल्ली सरकार के अनुभवों पर चर्चा को शामिल किया गया है। राय ने बताया ‘‘आप की राजनीतिक मामलों की समिति ने राष्ट्रीय सम्मेलन के एजेंडे में पार्टी के भविष्य में विस्तार के रोडमेप को भी अंतिम रूप देने की मंजूरी दी है। इस पर कार्यकर्ताओं के परामर्श से ही पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि किस राज्य में कब और कैसे विस्तार किया जायेगा।’’ उन्होंने कहा कि सम्मेलन में पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं अन्य नेताओं के अलावा प्रदेश इकाईयों के संयोजक हिस्सा लेंगे।

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