मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान इन्टरनेशनल एक्सपो का उद्घाटन किया
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की बेहतरीन औद्योगिक नीतियों तथा कार्यक्रमों से राजस्थान में निर्यात एवं निवेश बढ़ा है। वर्ष 2022-23 में 50 हजार करोड़ रुपए का निर्यात सरकार के कुशल प्रबंधन को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य आर्थिक क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, इसी से ही देश की आर्थिक विकास दर में राजस्थान दूसरे स्थान पर है। सभी निर्यातकों, निवेशकों का दृढ़ संकल्प और सोच ही राज्य को आगे ले जाएगी। गहलोत मंगलवार को जोधपुर के बोरानाड़ा में आयोजित राजस्थान इन्टरनेशनल एक्सपो के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में निर्यात क्षेत्र में बेहतर माहौल बना है। निर्यात में तेजी आने से राज्य पूरे देश में प्रगति कर रहा है। निर्यात क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ना अच्छा संकेत है। वे पूरी क्षमता से प्रबंधन संभालकर निर्यात को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष-2018 में सरकार बनते ही एमएसएमई पॉलिसी लाई गई, जिससे अभी तक 16 हजार से अधिक औद्योगिक इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई एस्टेब्लिशमेंट एंड फैसिलिटेशन एक्ट में 5 साल तक किसी भी सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। इससे किसी भी उद्योग को शुरू करने के लिए आवश्यक विभिन्न अनुमतियों में 5 साल तक की छूट मिलेगी। इस प्रावधान से छोटी इकाईयां बढ़ी हैं।
-कस्टमाइज पैकेज की पूरे देश में चर्चा
गहलोत ने कहा कि इन्वेस्ट राजस्थान में 11 लाख करोड़ में एमओयू, एलओआई हस्ताक्षर हुए। राज्य के लिए शुभ संकेत है कि इनमें से 50 प्रतिशत धरातल पर उतरने वाले हैं। रिप्स-2022 में दिए कस्टमाइज पैकेज की पूरे देश में चर्चा है। इससे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों में विश्वास बढ़ा है और वे राज्य में इकाईयां स्थापित करने आ रहे हैं। साथ ही, जयपुर और उदयपुर में एयरकार्गो की स्थापना से भी निर्यात बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के मजबूत आधारभूत संरचना से हैंडीक्राफ्ट, एग्रो, इंजीनियरिंग, गुड्स, जैम्स एंड ज्वैलरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान निर्यात कर रहा है। बाड़मेर में रिफाइनरी, पेट्रोकैमिकल्स कॉम्प्लैक्स की स्थापना और दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से हजारों इकाईयां लगेंगी। सरकार द्वारा हर उपखंड क्षेत्र में रीको औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। इससे रोजगार और एन्टरप्रिन्योरशिप बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने समारोह में निर्यातकों के प्रोत्साहन में चार महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय एक्सपो अब प्रतिवर्ष जोधपुर में आयोजित होगा। हस्तशिल्प निदेशालय (सेंटर) जोधपुर में खोला जाएगा। प्रतिवर्ष एक्सपो के लिए बोरानाड़ा, जोधपुर में स्थायी संरचना का निर्माण होगा। क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक्सपो में विभिन्न स्टॉल्स का अवलोकन कर प्रदर्शित उत्पादों के बारे में जानकारी ली। उद्यमियों, निर्यातकों और बायर्स को प्रोत्साहित किया। राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि राज्य में पहली बार निर्यात सम्बद्ध परिषद बनाने के साथ निर्यातक प्रोत्साहन में कमी नहीं रखी गई है। प्रदेश के निर्यात को अंतरराष्ट्रीय ऊंचाई देने में राज्य का प्रत्येक निर्यातक, प्रत्येक कारीगर और प्रत्येक व्यापारी कृतसंकल्पित है।
– दो वर्ष में निर्यात का लक्ष्य 2 लाख करोड़ रुपए रखा
प्रदेश की नीतियों व प्रयासों से आगामी दो वर्ष में निर्यात का लक्ष्य 2 लाख करोड़ रुपए रखा गया है। रीको के स्वतंत्र निदेशक सुनील परिहार, उद्योग एवं वाणिज्य अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता, आरईपीसी उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा ने भी विचार रखा। मुख्यमंत्री ने निर्यात क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों, अधिकतम निर्यात, टर्न ओवर आदि के लिए 20 निर्यातकों को राजस्थान निर्यात पुरस्कार-2021 प्रदान कर सम्मानित किया। इसमें स्माइलेक्स सिलियम इम्पेक्स कंपनी (जयपुर), आम्रपाली एक्सपोर्ट्स (जयपुर), लटियाल हैण्डीक्राफ्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (जोधपुर), वर्ल्ड ऑफ स्टोन्स प्राइवेट लिमिटेड (कोटा), नितिन स्पिनर्स (भीलवाड़ा), मल्टीमेटल्स लिमिटेड (कोटा) एवं पेसिफिक बल्क बैग्स प्राइवेट लिमिटेड (उदयपुर) को दो श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए। साथ ही, सन पॉलिटेक्स प्राइवेट लिमिटेड (उदयपुर), राधिका एक्जिम (जयपुर), जयपुर रग्स कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड (जयपुर), राजधानी क्राफ्ट्स इण्डस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (जयपुर), आरएसडब्ल्यूएम लिमिटेड (रींगस, सीकर) एवं मेडनेक्स्ट बायोटेक लिमिटेड (उदयपुर) को भी राजस्थान निर्यात पुरस्कार-2021 प्रदान किया गया।

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