जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस में कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए महत्वपूर्ण निर्णय किए। उन्होंने राज्य के वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में घोषित 50 हजार कृषि विद्युत कनेक्शनों को पूरा करने के लिए बूंद-बूंद सिंचाई योजना के तहत प्राप्त आवेदनों के साथ-साथ नए आवेदन प्राप्त करने और प्राथमिकता के आधार पर सामान्य श्रेणी के मांग पत्र जारी कर कनेक्शन देने के निर्देश दिए, ताकि किसानों को राहत प्रदान की जा सके।
गहलोत की अध्यक्षता में करीब ढाई घंटे तक चली इस वीसी में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा तथा विद्युत वितरण कम्पनियों के सीएमडी अजिताभ शर्मा सहित तीनों विद्युत वितरण निगमों के प्रबंध निदेशक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौर में किसानों की मांग को देखते हुए निर्देश दिए कि कृषि विद्यृत उपभोक्ता अपने कनेक्शन के स्वीकृत भार को स्वयं की घोषणा अनुसार बिना अतिरिक्त राशि जमा करवा कर बढ़ा सकेंगे। किसान कृषि कनेक्शन की इस स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना का लाभ 31 दिसम्बर तक उठा सकेंगे।
गहलोत ने कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक परिस्थितियों के कारण ऎसे कृषि उपभोक्ता जो अपना बिल जमा नहीं करवा पाएं हैं, उन्हें भी राहत देते हुए निर्णय लिया। इसके अनुसार, लम्बित बिल 31 अक्टूबर, 2020 तक जमा करवाने वाले कृषि उपभोक्ताओं से पेनल्टी अथवा विलम्ब भुगतान अधिशुल्क (एलपीएस) नहीं वसूला जाएगा। यह राहत बीपीएल एवं लघु श्रेणी के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अवैध विद्युत लाइनों एवं अवैध ट्रांसफार्मरों के माध्यम से बिजली चोरी एवं इनसे होने वाली दुर्घटनाओं में किसानों की मौत पर चिंता जाहिर की। उन्होंने ऎसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि कनेक्शनों में बिजली चोरी पकड़े जाने पर होने वाली वीसीआर की कार्यवाही के मामलों में 20 प्रतिशत राशि जमा कराने पर कृषि उपभोक्ता के प्रकरण को वीसीआर कमेटी के समक्ष पेश कर गुण-अवगुण के आधार पर निर्णय करने के लिए प्रस्तुत किया जा सकेगा अथवा निर्धारित की गई राशि की 50 प्रतिशत राशि एकमुश्त जमा कर वीसीआर प्रकरण का सम्पूर्ण निस्तारण किया जा सकेगा।

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