जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव अभी डेढ़ साल दूर है। लेकिन चुनावी बिसात अभी बिछने लगी है। चाहे भाजपा हो कांग्रेस दोनों दल व उनके नेता चुनावी गणित में लग गए हैं। सत्ता व संगठन की टोह लेने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 21 जुलाई से जयपुर प्रवास पर रहेंगे। वे 3 दिन तक पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। एक तरह से अमित शाह राजस्थान की जमीनी हकिकत जानने आ रहे हैं।

इसी तरह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 19 जुलाई को राजस्थान के बांसवाड़ा में आ रहे हैं। इस दिन उनकी वांगड़ क्षेत्र में एक बड़ी सभा बताई जा रही है। सभा की तैयारियां भी जोर शोर से चल रही है। वांगड़ के कद्दावर कांग्रेसी नेता महेन्द्रजीत सिंह मालवीय व अन्य दूसरे नेता प्रतापगढ़, डंूगरपुर, बांसवाड़ा जिलों के दौरे कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सभा में 2 लाख कांग्रेसी कार्यकर्ता व अन्य लोगों के आने की संभावना है। राहुल गांधी की इस बड़ी रैली के राजनीतिक मायने भी लगाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में किसानों पर पुलिस फायरिंग, राजस्थान व गुजरात में किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं के चलते किसानों व आदिवासियों में आक्रोश है।

गत चुनावों में कांग्रेस का यह वोट पार्टी से खिसक कर भाजपा में चले गया था। इस वोट बैंक को फिर से कांग्रेस में जोडऩे के लिए 3 साल से पार्टी प्रदेश में काम कर रही है। इस दौरान अजमेर, कोटा व शेखावाटी क्षेत्रों में राहुल गांधी की सफल रैलियां हो चुकी है। यह सभी क्षेत्र कांग्रेस के वोट बैंक वाले इलाके हैं। जहां बड़ी तादाद में एससी एसटी आदिवासी व किसानों की बहुलता है।

इसी किसान व आदिवासी कौम को पार्टी से जोडऩे के लिए बांसवाड़ा में सभा रखी है। सभा सफल होने पर उदयपुर व वांगड़ क्षेत्र में कांग्रेस मजबूती से उभरेगी और कार्यकर्ताओं में जोश का संचार होगा। इस रैली को सफल बनाने के लिए पीसीसी चीफ सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी व अन्य नेता जनसंपर्क कर रहे हैं। सभी की निगाहें 19 जुलाई की सभा पर है।

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