जयपुर। आनंदपाल एनकाउंटर को लेकर हुई राजस्थान पुलिस के आला अधिकारियों की प्रेस कांफ्रेंस के मामले में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता व जयपुर जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमवार को राज्य सरकार व पुलिस पर करारा हमला बोला।
प्रताप सिंह ने कहा कि आखिरकार राजस्थान सरकार के तीनों आला अधिकारी कहानियां सुनाकर साबित क्या करना चाहते हैं। प्रदेश के गृहमंत्री को इस बात से वाकिफ होना चाहिए कि आनंदपाल पुलिस की मिलीभगत के चलते जेल से भागा और 2 साल से फरार रहा। आनंदपाल से मिलने के लिए राज्य सरकार के कई मंत्री जेल जाते थे, इस मामले में आज वे सभी आखिर चुप क्यों हैं? सरकार यह बताए कि आनंदपाल की मौत से पहले उसकी किन-किन मंत्रियों से बात हुई? सरकार मामले को पूरी तरह उलझाती जा रही है। सांवराद गांव आज कफ्र्यू और बंदूक की साये में है, बच्चे दूध और रोटी के लिए तरस गए हैं। सरकार और पुलिस आतंक व भय का माहौल बनाकर अपनी ईमानदारी साबित करने में लगी है।
-आखिर सरकार को आपत्ति क्या है?
प्रताप सिंह ने कहा कि आनंदपाल के परिजनों व गांव के लोगों को सरकार से सीबीआई जांच मांगने का अधिकार नहीं है क्या? सरकार यह कह रही है कि सीबीआई में भी पुलिस अधिकारी ही होते हैं तो जांच सीबीआई को देने में आखिर आपत्ति क्या है?
-जनता में उभर रहा विरोध
प्रताप सिंह ने कहा कि जनता में अब विरोध देखने को मिल रहा है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी का जिस तरह जालौर और सिरोही में जनविरोध हुआ, वो यह दर्शा रहा है कि जनता अब आक्रोशित है। प्रदेश यह जानना चाह रहा कि आखिर सरकार सीबीआई जांच से क्यों डर रही है? वो मंत्री कौन है, जो जेल में जाकर आनंदपाल से मिलते थे। आखिर उन्होंने मौन धारण क्यों कर रखा है? इन सवालों का जवाब देना तो सीधे सीधे सरकार की जिम्मेदारी है।