Chidambaram

नई दिल्ली। देश की जीडीपी में आई गिरावट को लेकर केन्द्र सरकार अब कांगे्रस के निशाने पर आ गई है। हालांकि केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे पूर्व यूपीए सरकार की देन बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे का प्रयास किया। फिर भी यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने कहा कि इस ओर मैंने पहले ही संकेत दे दिए थे कि नोटबंदी के फैसले से जीडीपी में गिरावट आएगी। आखिरकार मेरा आंकलन सटिक साबित हुआ। चिदंबरम ने कहा कि आंकड़ों में हेरा-फेरी की गई है। पार्टी के बयान में कहा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री व अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने आशंका जता दी थी कि नोटबंदी के फैसले से देश की विकास दर दो फीसदी गिरेगी और वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में जीडीपी गिरकर 6.1 फीसद तक आ जाएगी। पूर्व पीएम की आशंका सही साबित हुई। पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अर्थव्यवस्था में गिरावट की शुरुआत तो जुलाई 2016 में ही शुरू हो गई थी। फिर नोटबंदी के फैसले ने इसकी स्थिति को और भी खराब कर दिया। वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 की आखिरी तिमाही के आंकड़े तो जीडीपी में 3.1 फीसद की गिरावट को दर्शा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता डा. अजय कुमार ने कहा कि जीडीपी की गिरावट को कम दिखाने के लिए सरकार आंकड़ों में हेराफेरी कर रही है। इसी तरह थोक मूल्य सूचकांक के मानक वर्ष को ही बदल दिया गया। मोदी सरकार के कुप्रबंधन का खामियाजा देश भुगत रहा है। अर्थव्यवस्था गिर रही है, आईटी सेक्टर में मंदी है, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट है, नौकरियों का सृजन हो नहीं रहा है और बेजरोगारी बढ़ती जा रही है। यूपीए ने जिस जीडीपी दर के साथ पीएम मोदी को सत्ता सौंपी थी आज वह उससे भी नीचे आ चुकी है। पीएम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पीएम मोदी जिस क्षेत्र में भी हाथ लगाते हैं, वहीं गिरावट तेज हो जाती है। जरुरत है कि पीएम प्रचार के आडंबर को त्यागते हुए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए काम करें।

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