जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह एनकाउंटर मामले में अब राजनीतिक दल भी कूद पड़े हैं। भाजपा के कुछ नेताओं ने आनन्दपाल एनकाउंटर मामले में सवाल उठाया था। कांग्रेस भी इस मुद्दे पर मुखर होकर विरोध दर्ज करवा रही है। जयपुर कांग्रेस अध्यक्ष व प्रवक्ता प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया में भाजपा सरकार और राजस्थान पुलिस को चेताया है कि आनन्दपाल एनकाउंटर के बाद उनके परिजनों-समर्थकों के साथ टकराव के हालात टाले। कहीं यह नहीं हो कि विवाद काफी बढ़ जाए और हालात बेकाबू हो जाए।

खाचरियावास ने कहा कि अगर एनकाउंटर सही है तो क्यों राजस्थान पुलिस और राजस्थान सरकार सीबीआई जांच करवाने से डर रही है। क्यों नहीं एनकाउंटर का वीडियो जारी कर रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि ऐसे ऑपरेशन के वीडियो बनाए जाए। क्यों नहीं आनन्दपाल की मां, उसकी बेटियों और पत्नी की मांगों पर ध्यान दे रही है। छह दिन से उनका परिवार भूखा-प्यास बैठा है। सरकार आनन्दपाल को अपराधी मानती है तो उनके परिवारजनों व शुभचिंतकों के क्यों खिलाफ है। क्यों उनके घर पर आने वाले लोगों को धमकाया जा रहा है।

परिजनों को पुलिस धमका रही है कि आनन्दपाल का शव ले लो, नहीं तो जबरन उठाकर जला देंगे। यह क्या गुण्डागर्दी है। आनन्दपाल की इतनी बड़ी फॉलोइंग राजस्थान में विरोध कर रही है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। लोगों की भावनाओं को समझे। लोग तो बोलेंगे। आप उनकी आवाज को दबा नहीं सकते हैं। सरकार-पुलिस गोली-लाठी के दम पर शासन करना चाहती है, जो गलत है।

– डाकू-चोर नहीं, बागी था आनन्दपाल
खाचरियावास ने कहा कि आनन्दपाल सिंह के बारे में मेरी अपनी रिपोर्ट है कि वह कोई अपराधी नहीं था। ना डाकू था और ना ही चोर। वह बागी था, जिसने उस पर हमला किया, वह उन अपराधियों के खिलाफ था। हां यह जरुर है कि जेल से भागने व दूसरे अपराध किए हैं। लेकिन सरकार व पुलिस को भी आनन्दपाल के परिजनों, उनके समर्थकों की भावनाओं को समझना चाहिए और उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए। उनके परिजनों को विश्वास में ले। विश्वास और कानून से ही देश-राज्य की सरकारें चलती हैं।

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