-प्रशासन गांवों के संग अभियान
राज्य सरकार के संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन के ध्येय के अनुरूप प्रदेश में प्रशासन गांवों के संग अभियान चलाया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर चलाए गए इस अभियान में ग्राम पंचायत स्तर ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया गया और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से भी लोगों को जोड़ा गया। अभियान के दौरान करीब 1.90 करोड़ प्रकरणों का निस्तारण कर लोगों को राहत दी गई है। मुख्य शिविर 2 अक्टूबर, 2021 से 18 मई, 2022 तक आयोजित हुए। इस दौरान प्रदेश की 11,297 ग्राम पंचायतों पर आयोजित शिविरों में 1.67 करोड़ प्रकरणों का निस्तारण किया गया। राज्य सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए मुख्य शिविरों में लंबित रहे कार्यों को पूर्ण करने और पहले अभियान से वंचित रहे ग्रामीणों के कार्य करने के लिए फॉलो अप कैंपों का आयोजन किया। 15 मई, 2022 से 1 जुलाई, 2022 तक गिरदार सर्किल स्तर पर 10,436 शिविर आयोजित हुए और करीब 23 लाख प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
इस अभियान के तहत आमजन से जुड़े 22 प्रमुख विभागों के अधिकारी एक साथ ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याओं को जाना और उनका मौके पर ही समाधान किया।
– निस्तारित प्रकरण
– 3.07 लाख विभिन्न पेंशन एवं पालनहार
– 16,972 भूमिहीन किसानों को भूमि आवंटन
– 19.5 लाख जाति, मूल, अन्य प्रमाण पत्र जारी
– 11.56 लाख आवासीय पट्टे जारी
– 17.20 राजस्व अभिलेखों का शुद्धिकरण
– 18.67 लाख नामान्तरण खोले गए
– 2.78 लाख सीमाज्ञान के प्रकरण
– 1.14 लाख रास्ते के प्रकरण
– 1.67 लाख आपसी सहमति से खाता विभाजन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रहा कि राज्य सरकार की हमेशा कोशिश रही है कि योजनाओं के माध्यम से गरीब से गरीब व्यक्ति को संबल प्रदान किया जाए। इस कड़ी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती,2021 से शुरू हुए अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर शिविरों का आयोजन कर मौके पर ही ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया गया। इस दौरान विभिन्न नियमों और शर्तों में शिथिलता प्रदान कर अधिकाधिक लोगों को राहत पहुँचाने के उद्देश्य से कार्य किया गया। संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन ही राज्य सरकार का ध्येय है, इस कड़ी में यह अभियान महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। अभियान से करीब 1.90 करोड़ प्रकरणों का निस्तारण कर लोगों को राहत दी गई है। शेष कार्यों के लिए फॉलो अप कैंप लगाए गए। मुझे प्रसन्नता है कि हमारे इस प्रयास के बहुत अच्छे और सुखद परिणाम सामने आए हैं।
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीणों के कल्याण के लिए चलाया गया यह अभियान पूरे देश का अपने आप में अभूतपूर्व रहा है। इसके महत्व को इसी से समझा जा सकता है कि इसमें आमजन से संबंधित सभी कार्यों का निष्पादन ग्राम पंचायत स्तर पर ही सुनिश्चित किया गया है। आजादी मिलने के बाद भू-सुधार कानूनों को लागू करने में राजस्थान देशभर में अग्रणी रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में कृषि भूमि संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए राजस्व कानूनों में किए गए वांछित संशोधनों के अन्तर्गत ग्रामीणों को लाभान्वित करने, नामांतरकरण, खाता विभाजन, रास्तों के प्रकरण आदि के वर्षों से लंबित पड़े प्रकरणों के निस्तारण में यह अभियान महत्वपूर्ण रहा है।
राजस्व राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि आमजन की कठिनाइयों के निराकरण से यह एक ऐतिहासिक अभियान साबित हुआ है। प्रदेश के कृषकों को बेहतर और पारदर्शी सेवायें उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित हैं।
मुख्य सचिवउषा शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कियह अभियान पूर्व के आयोजित अभियानों से अलग था। इसमें 22 विभागों द्वारा शिविरों का आयोजन कर ग्रामीणों की समस्याओं का सही मायनों में निराकरण किया गया। अभियान से पूर्व आवश्यक व अपेक्षित शक्तियों का प्रत्यायोजन कर व नियमों में संशोधन व सरलीकरण कर आमजन व कृषकों को लाभ पहुंचाया गया। यह हर्ष का विषय है कि अभियान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा निःशक्तों के चिन्हीकरण व उन्हें लाभान्वित करने हेतु किए गए प्रयास लाभकारी सिद्ध हुए हैं।
प्रमुख सचिव राजस्व आनंद कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन के ध्येय को ध्यान में रखते हुए यह अभियान संचालित किया गया। अभियान के तहत राज्य की ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित किए गए। राज्य सरकार द्वारा आयोजित इन शिविरों से लाखों लोगों को राहत पहुँचाई गई हैं। अभियान के अन्तर्गत वास्तविक रूप से कार्य सम्पादन से पूर्व समस्याओं के चिन्हीकरण का कार्य माह अक्टूबर से ही प्रारंभ कर दिया गया था। ग्रामीणों ने प्रशासन में दृढ़ आस्था प्रकट की एवं न केवल अपनी समस्या लेकर शिविरों में भारी संख्या में उपस्थित हुए, अपितु उनका निस्तारण भी किया गया है।
– सूरज बैरवा,
जनसम्पर्क अधिकारी

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