नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालच ने चुनावी बांड जारी करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली मार्क्सवादी पार्टी की याचिका पर आज केन्द्र से जवाब मांगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मार्क्सवादी पार्टी और इसके महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका पर केन्द्र को नोटिस जारी करने के साथ इसे पहले से लंबित मामले के साथ संलग्न कर दिया।
केन्द्र के फैसले को चुनौती देते हुये मार्क्सवादी पार्टी ने याचिका में कहा है कि यह कदम लोकतंत्र को कमतर करके आंकने वाला है और इससे राजनीतिक भ्रष्टाचार और अधिक बढ़ जायेगा। येचुरी ने कहा कि उन्होंने संसद में भी यह मामला उठाया था और इस बारे में सरकार द्वारा प्रस्ताव पेश किये जाने पर इसमें संशोधन का अनुरोध किया था। लेकिन सरकार ने लोकसभा में अपने बहुमत के सहारे राज्य सभा की सिफारिशों को अस्वीकार कर दिया।
मार्क्सवादी पार्टी के नेता ने कहा है कि ऐसी स्थित में उसके पास शीर्ष अदालत में आने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। राजग सरकार ने अपने पिछले बजट में चुनावी बांड की घोषणा की थी और निर्वाचन आयोग ने शुरू में इसे लेकर अपनी आपत्ति दिखाई थी ऐसा बहुत कम होता है कि इस तरह के मामले में कोई राजनीतिक दल शीर्ष अदालत में याचिका दायर करे।