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छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के प्रशासन ने आरोपित को बचाने के लिए शोषण तथा छेडख़ानी की शिकायत करने वाली छात्रा को दोषी मानने की शिकायत की है।  सिंघवी ने पत्र में लिखा है कि 12 दिसंबर को छात्रा ने डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा, सह-आचार्य, व्याकरण विभाग, जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के विरुद्ध कुलपति प्रो. विनोद कुमार शर्मा को शिकायत प्रस्तुत की। उक्त शिकायत पर आरोपित के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने की बजाय उसे बचाने के लिए कुलपति ने अनुशासन समिति से छात्रा के विरुद्ध उसका पक्ष सुने बिना ही 19 दिसंबर को एकपक्षीय निर्णय करवा लिया।
वहीं विश्वविद्यालय ने 19 को ही छात्रा को 20 दिसंबर को विश्वविद्यालय की महिला कार्मिक यौन उत्पीडऩ निवारण समिति की अध्यक्ष डॉ. मधुबाला शर्मा के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा। इस विरोधाभास से यह स्पष्ट हो जाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन पीडि़त छात्रा को न्याय प्रदान करने की बजाय आरोपित को बचाने के लिए षड्यंत्रपूर्वक छात्रा के विरुद्ध कार्यवाही कर रहा है।  सिंघवी ने पत्र में विश्वविद्यालय प्रशासन पर पुलिस की जांच को प्रभावित करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में छात्रा की शिकायत पर थाना मुहाना, जयपुर शहर (दक्षिण) ने दिनांक 12-12-2017 को प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0825/17 दर्ज किया था। इस रिपोर्ट की जांच अभी लंबित है। पुलिस की जांच पूरी होने से पहले ही पीडि़त छात्रा को दोषी और आरोपित को दोषमुक्त करना षड्यंत्र की ओर इशारा करता है।

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