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Supreme Court to hear today in verdict right to privacy

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार की ओर से आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले देश के आम बजट की तारीख आगे बढ़ाने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया। जिसके चलते अब सरकार के सामने एक फरवरी को बजट पेश करने के मामले में आ रही अड़चने दूर हो गई। लिहाजा वित्त मंत्री अरुण जेटली अब 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगे। वहीं रेल बजट भी आम बजट के साथ ही पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि देश के पांच राज्यों यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड व मणिपुर में विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने 4 जनवरी को घोषणा की थी। जिस पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सहित अन्य दलों ने नाराजगी जताकर चुनावों के बाद आम बजट पेश करने की चुनाव आयोग व राष्ट्रपति से मांग की। कांग्रेसी नेता गुलाब नबी आजाद ने कहा था कि केन्द्र सरकार चुनावों के मद्देनजर आम बजट में लोक लुभावने वायदे कर सकती है। जिससे सीधे-सीधे मतदाता प्रभावित होंगेे। इस मामले में एडवोकेट एमएल शर्मा ने एक जनहित याचिका दायर विधानसभा चुनावों से पहले आम बजट पेश करने के मामले में रोक लगाने की मांग की। जनहित याचिका में कहा गया कि यदि चुनावों से पहले बजट पेश होता है तो यह मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का वॉयलेशन होगा। ऐसे में कोर्ट आदेश देश दें कि चुनाव बाद ही बजट पेश किया जाए। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस पीआईएल में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है, जिससे यह लगता हो कि चुनाव पूर्व बजट पेश करने से मतदाता की मानसिकता प्रभावित हो सकती है। इस बजट से चुनाव वाले राज्यों में मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का वॉयलेशन नहीं होगा।

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