African countries express anger over the racist remarks of Trump

 

वाशिंगटन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल ने आज स्वतंत्र और मुक्त भारत-प्रशांत को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई और भारत तथा जापान के साथ चहुंमुखी सहयोग का विस्तार करने की अहमियत की फिर से पुष्टि की। बैठक के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप और टर्नबुल ने जापान के साथ त्रिपक्षीय सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की तथा ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान तथा भारत के साथ सहयोग का विस्तार करने की अहमियत की फिर से पुष्टि की।

दक्षिण चीन सागर में स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने सभी पक्षों से सयंम बरतने तथा विवाद को अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का आह्वान किया। ट्रंप ने अमेरिका के नौवहन अभियानों की स्वतंत्रता अभियान का समर्थन जारी रखने के लिए टर्नबुल को धन्यवाद कहा। ‘ओवरसीज प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कोरपोरेशन’ ने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। यह एमओयू भारत प्रशांत क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता के बुनियादे ढांचे के निवेश के समर्थन को आगे बढ़ाने तथा नियमन, पारदर्शिता और स्थानीय पूंजी बाजारों को बेहतर करने के मकसद से सुधारों को बढ़ावा देने के लिए किए गए हैं। इसका संभवत: निशाना चीन के वन बेल्ट वन रोड पहल पर है जिसने क्षेत्र के विभिन्न देशों को चिंता में डाल दिया है। आतंकवादियों द्वारा साइबरस्पेस का इस्तेमाल करने तथा दोनों राष्ट्रों और वैश्विक समुदाय को आतंकवाद से बढ़ते खतरे पर चिंता जताते हुए, ट्रंप और टर्नबुल ने अफगानिस्तान तथा वहां शांति और सुरक्षा के लिए लोगों की सहायता करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने तथा पनाहगाहों में आतंकवादियों की पहुंच रोकने पर चर्चा की। व्हाइट हाउस के मुताबिक ट्रंप ने दक्षिणपूर्वी एशिया में आतंकवाद की रोकथाम के मुद्दे पर तथा आईएसआईएस को हराने के लिए वैश्विक गठबंधन में ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व के ठोस योगदान के लिए टर्नबल का शुक्रिया अदा किया। इससे पहले, व्हाइट हाउस में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया कोरिया प्रायद्वीप को परमाणु खतरा रहित बनाने के लिए अधिकतम दबाव बनाने के वास्ते हमारे अभियान में हमारा सबसे करीबी सहयोगी है। हमने आज कोरिया पर सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जो किसी अन्य देश पर कभी नहीं लगाए गए हैं। हमें ‘परमाणु तबाही’ से दुनिया को धमकाने वाली ‘क्रूर तानाशाही’ को रोकने के लिए एक साथ खड़े रहना होगा।

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