पटना। चूहों के किस्से तो आपने बखूबी सुन रखे होंगे। जो गोदाम में रखे अनाज को चंद दिनों में ही ठिकाने लगा देते हैं। लेकिन लगता है कि चूहों को शराब की भी लत लग गई है। यह बात हम नहीं कह रहे यह दावा बिहार पुलिस कर रही है। हालांकि लोग पुलिस के इस दावे पर यकीन नहीं कर रहे हैं। बिहार पुलिस का दावा है कि उसके मालखाने में जब्त पड़ी 9 लाख लीटर शराब चूहों ने गटक ली। जांच हुई तो बयान के विपरीत चूहें तो नशे की हालात में नहीं मिले, लेकिन पुलिस के जवान जरुर नशे में गाफिल देखने को मिले। अफसरों ने जब पुलिसकर्मियों से पूछा कि चूहों ने बोलत का ढक्कन आखिर कैसे खोला, ढक्कन को काटा या फिर बोलतें टूट गई? इतनी बोलते टूटी भी तो टूटी बोलते कहां है? क्या कांच की बोतलें भी चूहे खा गए? अधिकारियों के इन सवालों के आगे पुलिसकर्मियों ने चुप्पी साध ली। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे कि 9 लाख लीटर शराब को या तो पुलिसकर्मी खुद गटक गए या फिर उसे शराब माफियाओं को बेच दी। हालांकि इस मामले की अब जांच शुरू हो गई है। गौरतलब है कि बिहार में नीतीश सरकार ने पूर्ण शराब बंदी के फैसले को लागू किया था। शराब बंदी लागू होने के बाद से ही 1,053 पुलिस थानों में जब्त 9 लाख लीटर से अधिक शराब गायब हो गई। पुलिस के इस दावे की जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मनु महाराज जांच के लिए निकले तो उन्हें पुलिस लाइन के पुलिसकर्मी नशे में गाफिल मिले। इस पर बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन अध्यक्ष निर्मल सिंह और एक अन्य सदस्य शमशेर सिंह को शराब सेवन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार गत 13 माह के दौरान 9.15 लाख लीटर एल्कोहल, देशी और विदेशी शराब जब्त की गई। पुलिस क्राइम मीटिंग के दौरान यह बात सामने आई कि इसमें एक बड़ा हिस्सा तो उसे थाने लाने के दौरान ही बर्बाद हो गया, जबकि उतना ही हिस्सा चूहे हजम कर गए। पटना आईजी नय्यर हसनैन खान ने बताया कि एक एसएसपी को पुलिस मालखाने से भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए हैं।

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