पटना. बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर करने के बाद नीतीश कुमार बुधवार दोपहर दो बजे फिर सीएम पद की शपथ लेने वाले हैं. कुल सात पार्टियों के सहयोग से ये सरकार बनने जा रही है. नीतीश कुमार आठवीं बार सीएम पद की शपथ लेने वाले हैं. उनके साथ तेजस्वी यादव भी शपथ लेने वाले हैं. बिहार की नई सरकार में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे। पिछली बार जब जदयू और राजद साथ आए थे तब तेजस्वी को डिप्टी सीएम बनाया गया था, लेकिन इस बार उनकी पत्नी राजश्री (रेचल) को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा है। इसकी वजह तेजस्वी यादव समेत परिवार के कई लोगों पर लगा घोटालों का दाग बताया जा रहा है। पिछली बार इसी मुद्दे को बीजेपी ने जोर-शोर से उठाया था और नीतीश को लालू परिवार का साथ छोड़ना पड़ा था। राजश्री पर कोई आरोप नहीं है। इसलिए लालू परिवार में इस नाम की चर्चा है। यह बड़ी बात सूत्रों के हवाले से निकल कर सामने आ रही है।
सूत्र यह बता रहे हैं कि केंद्र सरकार बिहार में हर पल बदल रही राजनीति को लेकर अपनी गहरी नजर बनाए हुए हैं। सरकारी एजेंसियों के जरिए पिछले तीन दिनों से अंदर खाने की हर खबर केंद्र सरकार तक पहुंच रही है। जदयू-राजद की हर गतिविधि पर केंद्र की नजर है। यह पता राजद और आरजेडी को भी है, इसलिए यह फैसला लिया जा सकता है। इसके पहले लालू यादव जब चारा घोटाले में फंस गए थे तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को आगे किया था। वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करके राबड़ी देवी का सीएम पद के लिए नाम प्रस्तावित कर दिया था। इसलिए संभावना है कि राजश्री को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।
– भाजपा-जदयू का 21 महीने पुराना गठबंधन टूटा
नीतीश के इस कदम के बाद भाजपा और जदयू का 2020 में बना गठबंधन टूट गया है। इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश ने राजभवन में कहा था कि पार्टी के विधायकों और सांसदों ने एक स्वर में भाजपा से गठबंधन तोड़ने की बात कही है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगाया। प्रसाद ने पूछा 2020 में नीतीश भाजपा के साथ क्यों थे। इसके बाद 2017 में भी वे साथ आए। 2019 में लोकसभा और 2020 में विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ा। अब ऐसा क्या हुआ जो हम खराब हो गए। भाजपा ने कोर ग्रुप की मीटिंग भी बुलाई। नीतीश कुमार ने मंगलवार शाम को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से टेलिफोन पर बात की। सोमवार को भी नीतीश ने सोनिया से बात की थी। तेजस्वी यादव ने 115 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी नीतीश कुमार को सौंपी है। इसमें नीतीश की अगुआई में सरकार बनाने की बात कही गई है।
सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के गठन से पहले तेजस्वी ने गृह मंत्रालय मांगा है, जो अब तक नीतीश के पास था। पिछली सरकार में तेजस्वी यादव के पास पथ निर्माण विभाग था। नीतीश कुमार 2013 में भाजपा और 2017 में राजद से गठबंधन तोड़ चुके हैं। दोनों ही बार उन्होंने सरकार बनाई थी और सूबे के मुख्यमंत्री बने थे।

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