Panchayat Punishment

भोपाल। देश में अब भी कई इलाके ऐसे हैं जहां पंचायतों का फरमान सबसे बड़ा माना जाता है जिसकी अवहेलना गांव में रहने वाला कोई भी नहीं कर सकता। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसे समाज से निकाल बाहर कर दिया जाता है। यह अलग बात है कि पंचायत में रसूख वालों का ही दबदबा रहता है तथा उनके दबाव में आकर ही फैसला लिया जाता है। और एक बार अगर फैसला सूना दिया तो उसे हर कीमत पर मानना ही पड़ता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां बछड़े की मौत के बाद एक महिला को पंचायत ने गंगा स्नान के लिए भीख मांगने का फरमान सुनाया है। मामला मध्य प्रदेश का है, जहां दुर्घटना के चलते एक गाय के बछड़े की मौत हो गई, जिसके बाद पांचायत ने महिला को गंगा स्नान कर शुद्धिकरण के लिए एक हफ्ते तक भीख मांगकर पैसे इकट्ठा करने को कहा गया। दरअसल शुक्रवार की सुबह बछड़े की मौत हो गई।

महिला ने बताया कि वह बछड़े को बचाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन किसी ने भी उसकी नहीं सुनी और 50 वर्षीय महिला को आसपास के गांव में अगले 7 दिनों के लिए भीख मांगने का फरमान सुनाया। महिला का कहना है कि गाय का बछड़ा रस्सी में फंस गया था, जिसके बाद वह उसे गाय से अलग करने की कोशिश कर रही थी। जब बछड़े की मौत की खबर मिलने के बाद पंचायत बुलाई गई, जिसमें महिला के खिलाफ यह फरमान सुनाया गया। खबर के मुताबिक, वार्ड नंबर 10 के म्युनिसिपल काउंसलर मुकेश गर्ग ने बताया कि उन्होंने पंचायत के फैसले का विरोध किया, लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी। उन्होंने बताया कि सजा के 24 घंटे बाद तक महिला अपने घर नहीं लौटी थी।

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