जयपुर । राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ के न्यायाधीश अजय रस्तोगी एवं दिनेशचन्द्र सोमानी ने राजस्थान सरकार द्वारा राजीव गांधी सेवा केन्द्रो के नाम बदलकर अटल सेवा केन्द्र करने के प्रशासनिक आदेश को चुनौति देने वाली जनहित याचिका को एकलपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के आदेश दिये है। पूर्व विधायक संयम लोढा ने यह जनहित याचिका दायर की थी। लोढा तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा 11 नवम्बर 2009 को अधिसूचना के जरिये महात्मा गांधी नरेगा में राजीव गांधी सेवा केन्द्र के नाम रखने के प्रावधान की राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक आदेश से बदलने की वैद्यता को बदलने की चुनौति दी है। खण्डपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर की एकलपीठ ने 05 जनवरी 2016 को इस याचिका की सुनवाई करते हुए जनहित याचिका के रूप में इसे लगाने को कहा था। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने एकलपीठ में सुनवाई की थी। अब खण्डपीठ ने कहा है कि प्रकरण में विधि बिन्दु निहित है और कोई भी व्यक्ति इससे प्रभावित हो सकता है लेकिन इसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में नही की जा सकती है। ऐसा 05 जनवरी 2016 को एकलपीठ ने मत व्यक्त किया। इसे नियमित याचिका के रूप में एकलपीठ में लगाया जावे। लोढा ने याचिका में कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 की धारा 6 की उपधारा (1) में प्रदत्त शक्तियो का प्रयोग करते हुए तत्कालीन केन्द्र सरकार ने 11 नवम्बर 2009 को इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर देशभर में सेवा केन्द्रो के नाम राजीव गांधी सेवा केन्द्र किये थे। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के निर्देश पर प्रशासनिक आदेश से नाम बदलकर अटल सेवा केन्द्र कर दिये। विधिक प्रावधान को कार्यपालिका के प्रशासनिक आदेश से खत्म नही किया जा सकता है। लोढा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर एवं पुनित सिंघवी ने पैरवी की।

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