नयी दिल्ली। आधार कार्ड के उपयोक्ताओं का सत्यापन अब उनके चेहरे के जरिए भी किया जा सकेगा। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जिनका किन्हीं कारणों के चलते ‘ऊंगलियों के निशान’ व ‘आंखों की पुतली’ के स्कैन के जरिए आधार सत्यापन नहीं हो पा रहा था। आधार संख्या जारी करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने चेहरे के जरिए आधार कार्ड के सत्यापन की अनुमति आज दी। इस तरह से आधार सत्यापन के लिये एक नया तरीका और जुड़ गया है। अब तक यह काम ‘फिंगरप्रिंट’ या आइरिस या ओटीपी के जरिए किया जाता रहा है। प्राधिकरण के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह नयी सुविधा सत्यापन के मौजूदा तरीकों के साथ अतिरिक्त रूप में उपलब्ध होगी। सत्यापन की यह नई सुविधा एक जुलाई 2018 से उपयोग के लिए उपलब्ध होगी।
इसके अनुसार, ‘जो लोग वृद्धावस्था, कठिन मेहनत वाले हालात या ऊंगलियों के निशान कमजोर होने आदि के कारण अपने आधार का बायोमेट्रिक तरीके से सत्यापन नहीं करवा पा रहे, यह नयी सुविधा उनके लिए मददगार साबित होगी।’ प्राधिकरण का कहना है कि सत्यापन की यह नयी सुविधा ‘जरूरत के हिसाब’ से उपलब्ध होगी। इस नयी सत्यापन सेवा के लिए यूआईडीएआई बायोमैट्रिक डिवाइस प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करेगा ताकि पंजीबद्ध डिवाइस में इसे भी जोड़ा जा सके। अब तक देश में 119 करोड़ आधार जारी किए गए है। विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी इकाइयों में निवास प्रमाण पत्र के लिए आधार की जरूरत पड़ती है। उल्लेखनीय है कि यूआईडीएआई ने पिछले सप्ताह ही व्यक्तियों को सरकारी व अन्य सेवाओं के उपयोग के लिए एक आभासी आईडी बनाने/इस्तेमाल करने की अनुमति भी दी है।