Solarpower Image

भारत सरकार की कुसुम योजना के तहत किसानों को कृषि कार्य के लिए चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति और आर्थिक संबल देने के लिए खेतों में सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इस योजना के तहत अजमेर डिस्कॉम को करीब पांच हजार सोलर प्लांट किसानों के खेतों में लगाने थे। उक्त कार्य के लिए करीब 96 करोड़ रुपये का आंकलन किया गया, लेकिन बाद में इस राशि को कम बताते हुए उक्त ठेका कार्य को 117 करोड़ रुपये कर दिया गया। बताया जाता है कि चहेती फर्म को फायदा देने के लिए यह राशि बढ़ाई गई। इससे सरकारी कोष को 21 करोड़ रुपये की चपत लगी। फर्मों ने निविदा शर्तों के विपरीत कम क्वालिटी के सोलर प्लांट उपकरण लगाए, जिससे कुछ ही दिनों के बाद उपकरण खराब होने लगे। सर्विस सेंटर नहीं होने से ठीक करने में परेशानी। इससे किसानों को सौर ऊर्जा का लाभ नहीं मिला, बल्कि आर्थिक संबल के बजाय यह योजना किसानों के लिए आर्थिक बोझ व आफत साबित हो रही है।

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