जयपुर. जयपुर शहर में अगले सप्ताह सफाई व्यवस्था बिगड़ सकती है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज के करीब 8 हजार सफाई कर्मचारी अगले सप्ताह 23 जनवरी से हड़ताल पर जा सकते हैं। गहलोत सरकार के समय निकली सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने से नाराज सफाई कर्मचारी संघ ने इसका ऐलान किया है। इसको लेकर आज सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों और सदस्यों ने बैठक भी बुलाई है। संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंद किशोर डंडोरिया ने बताया कि हमने 10 जनवरी को निदेशक स्वायत्त शासन विभाग को ज्ञापन देकर तीन दिन में भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। तीन दिन बाद भी हमारी इस मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 13 हजार 184 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकाली थी, जिसके आवेदन भी ले लिए गए थे। आवेदन आने के बावजूद अब सरकार उन पर आगे की कोई कार्यवाही नहीं कर रही। भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं होने के कारण पूरे प्रदेश में वाल्मीकि समाज और सफाई कर्मचारियों में रोष है। इसके चलते मंगलवार को अंतिम निर्णायक आंदोलन की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में हमने 23 जनवरी से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। जयपुर में नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज में इस समय 8 हजार से ज्यादा स्थायी कर्मचारी है, जो शहर में सफाई करते हैं। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए संघ ने 23 जनवरी से हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है। हालांकि इस बीच अगर सरकार उनसे वार्ता करती है और भर्ती की प्रक्रिया को दोबारा शुरू करती है तो हड़ताल पर टाली भी जा सकती है। जयपुर शहर में सफाई ठीक नहीं होने के कारण पहले ही देश में फिसड्‌डी चल रहा है। हाल ही में आए देश के प्रमुख शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में जयपुर का नंबर 170 से ऊपर रहा है। अगर 23 जनवरी से हड़ताल होती है तो शहर में स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाएगी।
-सफाई कर्मचारी मूल काम पर नहीं आए तो वेतन रुकेगा:झाबर सिंह खर्रा
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में राजस्थान के शहरों की अच्छी रैंक नहीं आने के लिए सफाई कर्मचारी, सफाई निरीक्षक से लेकर अधिकारी और आयुक्त तक जिम्मेदार हैं। क्योंकि यह सब अपनी जिम्मेदारी अच्छे से नहीं निभा पाए। इसी वजह से राजस्थान के शहरों की स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैंक नहीं आई है। हमारी सरकार के गठन के बाद सफाई को और बेहतर कैसे बनाया जाए। इसकी प्लानिंग शुरू कर दी गई है। इसका असर अगले स्वच्छता सर्वेक्षण में नजर आएगा। झाबर सिंह खर्रा ने ने कहा मंत्री बनने के बाद मैने पहला आदेश सफाई को लेकर ही निकाला है। इसके तहत प्रदेशभर में सफाई कर्मचारी अब सिर्फ सफाई का काम ही करेंगे। इसको लेकर स्वायत शासन विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। क्योंकि प्रदेशभर में लगभग एक तिहाई सफाई कर्मचारियों को सफाई के काम से हटाकर दूसरे कामों में लगा रखा था। ऐसे में अगर 31 जनवरी तक वह सभी लोग अपने मूल काम (सफाई कर्मचारी) पर नहीं आए तो अगले महीने से उनका वेतन (सैलरी) रोक दिया जाएगा। झाबर सिंह खर्रा ने कहा राजस्थान में कांग्रेस सरकार के वक्त शुरू हुई सफाई कर्मचारियों की भर्ती को भी नए सिरे से शुरू किया जाएगा। क्योंकि सफाई कर्मचारी भर्ती में रिटन एग्जाम और प्रैक्टिकल एग्जाम को लेकर असमंजस की स्थिति थी। ऐसे में 18 जनवरी को सफाई कर्मचारी भर्ती को लेकर फिर से रिव्यू होगा। रिव्यू के बाद ही नए 23 हजार पदों पर किस आधार पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती होगी। इसका फैसला किया जाएगा। इसके साथ ही वाल्मीकि समाज को किस तरह की वरीयता दी जाएगी। इसका फैसला भी इस बैठक में ही किया जाएगा। बता दें कि झाबर सिंह खर्रा स्वच्छता अभियान के तहत सोमवार को हवामहल स्थित नहर की गणेश जी मंदिर की सफाई करने पहुंचे थे। इस दौरान खर्रा ने जयपुर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा- राजधानी होने के बावजूद जयपुर में सफाई व्यवस्था चक्रवर्ती नहीं है। इसे और बेहतर करने के प्रयास होने चाहिए। क्यों कि जयपुर में न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर से सैलानी पहुंचते हैं। इससे देश की छवि पर इसका सीधा असर पड़ता है।

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