जोधपुर. आम नागरिक या पर्यटक के लिए बीएसएफ व बॉर्डर का मतलब अटारी-वाघा बॉर्डर पर हर शाम होने वाली भारत-पाक की बीटिंग रीट्रिट सेरेमनी ही होती है। उसी को देखकर वे जोश और जुनून का अहसास करते हैं। लेकिन 365 दिन 24 घंटे अनवरत बिना थके बांग्लादेश व पाकिस्तान से सटी 6386 किमी लंबे बॉर्डर की बीएसएफ के जांबाज प्रहरी कैसे रखवाली करते हैं, ये हर किसी को देखना नसीब नहीं होता। बीएसएफ ने देश में पहली बार एक थीम पार्क जैसलमेर के पास सम के धोरों में विकसित किया। बीएसएफ के जवानों की जंगी कहानियों से रूबरू होंगे तो पर्यटक ये भी जानेंगे कि जवान कैसे बिना रुके 24 घंटे बॉर्डर की रखवाली करते हैं। भारत-पाकिस्तान सीमा की प्रतिकृति, ओपी टॉवर, पेट्रोलिंग वाहन, ऊंटों पर गश्त का अनुभव होगा। 10 एकड़ भूमि में फैले इस पार्क में पर्यटक पूरा दिन बिता सकेंगे। ये थीम पार्क देश का पहला पार्क है, जहां बॉर्डर पर नहीं जाने वाले पर्यटकों को बॉर्डर का पूरा फील आएगा। बीएसएफ राजस्थान फ्रंटियर के प्रवक्ता डीआईजी मधुकर कहते हैं 1965 से लेकर अब तक युद्ध में फ्रंट लाइन पर शहादत और पराक्रम बताएंगे तो पर्यटक को बॉर्डर का अहसास होगा। सम थीम पार्क जल्दी ही शुरू होने वाला है। जैसलमेर से लौटकर कपिल भटनागर की विशेष रिपोर्ट। लोग जान सकेंगे कैसे काम करती है देश की पहली रक्षा पंक्ति, कैसे छह खतरनाक बॉर्डर टरेन पर बीएसएफ जवान करते हैं ड्यूटी। बीएसएफ के जवानों की जांबाजी की कहानियां जानेंगे, तो अहसास कर सकेंगे कि चौबीस घंटे कैसे करते हैं रखवाली, लोगों को मिलेगी फ्री एंट्री, बच्चों के लिए पार्क, एयर गन से निशाना साध सकेंगे लोग। 1965 में बीएसएफ की स्थापना से लेकर अब तक की कहानी। वीडियो ऑडियो से ब्लैक एंड व्हाइट से लेकर रंगीन चलचित्र में हर युद्ध का चित्रण होगा। युद्ध में पराक्रम दिखाने वाले जांबाजों की कहानियां प्रदर्शित होंगी। ये शॉट फिल्म 12 मिनट की तैयार की गई है। बीते 57 साल में बीएसएफ के पास रहे हर हथियार की प्रदर्शनी। एलएलआर से लेकर मॉर्डन एके 47 तक का प्रदर्शन। यहां लैंड माइन, हैंड ग्रेनेड, मोर्टार, मिनी ऑर्टिलरी देखेंगे तो सर्विलांस व कम्युनिकेशन उपकरण भी मिलेंगे। यहां मौजूद गाइड इस बारे में बताएगा। बीएसएफ के 50 से ज्यादा हीरो, जिन्हें वीर चक्र से लेकर वीरता के पदकों से नवाजा गया है, उनके फोटो प्रदर्शित किए गए हैं। साथ ही 1971 के युद्ध के दौरान दोनों फ्रंट पर युद्ध के फोटो। बीएसएफ की स्थापना करने वाले रुस्तमजी और फील्ड मार्शल सेम मानेक शॉ के दुर्लभ फोटो रखे गए हैं। इस शूटिंग रेंज में पर्यटक एयर गन से निशाने लगाकर रोमांचित महसूस करेंगे। एक साथ चार से पांच लोग टारगेट हिट कर तुरंत ही देखेंगे कि कितने सही निशाने लगाए। बॉर्डर की तारबंदी, इंटरनेशनल लाइन, बॉर्डर पिलर, बॉर्डर गेट, ओपी टॉवर, पाकिस्तानी पोस्ट बनाए गए हैं। पर्यटक तारबंदी के पार जाकर पिलर के पास फोटो खिंचवा सकेंगे। यहां जवान ऊंट, पैदल और जिप्सी में गश्त करते हुए दिखेंगे, तो मॉर्डन बीओपी, इंफ्रारेड बीम दिखेगी। बीएसएफ के राजस्थान सहित पूरे देश में 13 फ्रंटियर हैं। इनमें से दस फ्रंटियर बॉर्डर की रखवाली और 3 विशेष हैं। ये कैसे वर्किंग करते हैं, इसे चित्रों के माध्यम से समझाया जाएगा। बीएसएफ के कमांडो और जवानों की ट्रेनिंग का प्रदर्शन। ट्रेनिंग सेंटर की सभी बाधाएं बताई गई हैं। इसका भी पर्यटकों के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। पर्यटकों के साथ आने वो बच्चों के लिए बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क बनाया गया है। इसमें खेलने की सुविधाएं विकसित की गई हैं। पर्यटक यहां से सुनहरी यादें लेकर जाएं, इसके लिए सोवेनियर शॉप बनाई गई हैं। इसमें बीएसएफ व सेना के प्रतीक खरीद सकेंगे। जलपान के लिए भी विशेष कैफे बनाया गया है।

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